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जर्मनी चुनाव में कंज़र्वेटिव पार्टी की जीत, फ्रेडरिक मर्ज़ का चांसलर बनना तय, फिर भी क्यों सुर्खियों में विपक्षी AfD पार्टी 

Germany Elections Results 2025:जर्मनी में CDC की जीत के बाद पार्टी लीडर फ्रेडरिक मर्ज़ का अगला चांसलर बनना तय हो गया है। इस पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बधाई देते हुए कहा है कि जर्मनी में अब एक नया युग शुरू हो गया है।

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भारत

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Jyoti Sharma

Feb 24, 2025

CDU Win in Germany Elections defeating AfD Friedrich Merz Set To Become Chancellor

CDC पार्टी लीडर फ्रेडरिक मर्ज़ (Friedrich Merz)

Germany Elections 2025: रविवार को हुए मतदान के बाद जर्मनी के चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी CDC की जीत हुई है। ये बुंडेस्टैग (जर्मनी की संसद) की कुल 630 सीटों में सबसे ज्यादा 208 सीटें लाकर सबसे बडी़ पार्टी बन गई है। लेकिन CDC को सिर्फ 12 साल पहले आई AfD ने कड़ी टक्कर मिली। इस पार्टी ने 20.8 प्रतिशत वोट हासिल कर 152 सीटों पर कब्जा किया है। इस तरह वो जर्मनी की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। सबसे बड़ी बात ये है कि जर्मनी में सत्तारूढ़ पार्टी SPD यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी सिर्फ 120 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर सिमट गई है। वर्तमान जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ये चुनाव हार गए हैं।

जर्मनी में CDC की इस जीत के बाद पार्टी लीडर फ्रेडरिक मर्ज़ का जर्मनी का अगला चांसलर बनना तय हो गया है। CDC की जीत पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी बधाई दी है और कहा है कि जर्मनी में अब एक नया युग शुरू हो गया है।

AfD के गठबंधन से बदल सकता है समीकरण

अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी AFP की रिपोर्ट के मुताबिक जर्मन पार्लियामेंट की कुल 630 सीटों में से सभी पर रुझान आ चुके हैं। इसके मुताबिक अब फिलहाल CDC का सत्ता में जाना तय है हालांकि AfD अगर दूसरी पार्टियों से गठबंधन कर लेती है तो इस 12 साल पुरानी पार्टी का सत्ता में आना जर्मनी के इतिहास में दर्ज हो जाएगा। क्योंकि AfD और CDC की सीटों के बीच सिर्फ 55 सीटों का अंतर है।

जीत CDC की, सुर्खियों में विपक्षी AfD पार्टी

जर्मनी इलेक्शन में बने इस रोचक समीकरण को लेकर AfD पार्टी पूरी दुनिया में छा गई है। AfD का पूरा नाम जर्मन: अल्टरनेटिव फॉर डॉयचलैंड है। इसे आम भाषा में अल्टरनेटिव ऑफ जर्मनी कहते हैं। AfD एक दक्षिणपंथी पार्टी है। ये जर्मनी में आप्रवासन का विरोध करती है। खास तौर पर मुस्लिम समुदाय के अप्रवासन का। इस पार्टी का नाम पूर्व जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल (Angela Merkel) की नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध को दर्शाता है।

इस पार्टी की स्थापना 12 साल पहले 6 फरवरी 2013 को अलेक्ज़ेंडर गाउलैंड, बेर्न्ड ल्यूक, मार्टिन रेन ने की थी। वर्तमान में एलिस एलिजाबेथ विडेल इस पार्टी का नेतृत्व कर रही हैं। वे 2022 से दक्षिणपंथी AfD की सह-अध्यक्ष के तौर पर जुड़ी हुई हैं। अक्टूबर 2017 से उन्होंने बुंडेस्टैग में AfD संसदीय समूह की नेता का संभाला हुआ है। AfD ने इस चुनाव में दुगुना समर्थन पाया है। क्योंकि 2021 में AfD का वोट प्रतिशत 10.3 प्रतिशत था जो इस चुनाव में बढ़कर 20.8 प्रतिशत हो गया है।

जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने स्वीकार की हार

दूसरी तरफ सत्तारूढ़ वामपंथी पार्टी SPD के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने अपनी हार स्वीकर कर ली है। ये SPD का द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुए चुनाव में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है। SPD को केवल 16.48 प्रतिशत वोट मिले हैं।

बता दें कि बीते रविवार जर्मनी में 59 मिलियन से ज़्यादा वोटर्स ने देश की संसद के निचले सदन बुंडेस्टैग के 630 सीटों के लिए वोटिंग की थी। ये चुनाव नवंबर 2024 में ओलाफ़ स्कोल्ज़ की गठबंधन सरकार के गिरने के बाद तय समय से पहले हुआ है।इस चुनाव में सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ असंतोष, आर्थिक स्थिरता, आव्रजन मुद्दे हावी रहे। इसके अलावा वोटर्स ने यूक्रेन और यूरोपीय एकता के भविष्य के बारे में भी चिंता जताई।

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