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चीन की क्रेडिट रेटिंग घटी, भारत बनेगा 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

China's Credit Rating Goes Down: चीन की ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग घट गई है। पर क्या यह भारत के लिए अच्छा संकेत है? आइए जानते हैं।

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China's credit rating goes down

ग्लोबल रेटिंग एजेंसियों ने एक तरफ जहाँ भारत (India) की अर्थव्यवस्था में तेज़ ग्रोथ की उम्मीद जताई है, वहीं चीन (China) में बढ़ते क़र्ज़ संकट और रियल एस्टेट क्राइसिस को देखते हुए इसकी सॉवरेन रेटिंग को घटा दिया है। मूडीज़ इंवेस्टर्स सर्विस ने दुनियाभर में चीन में बढ़ते क़र्ज़ को लेकर चिंताजाहिर करते हुए चीन के सॉवरेन बॉन्ड के लिए आउटलुक को स्टेबल से घटाकर नेगेटिव कर दिया है जिससे चीन की क्रेडिट रेटिंग घट गई है।


देश की अर्थव्यवस्था के लिए नकरात्मक जोखिम

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि सरकारी कंपनियों का समर्थन करने के लिए चीन की ओर से राजकोषीय प्रोत्साहन का उपयोग देश की अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक जोखिम पैदा कर रहा है। चीन ने देश के प्रॉपर्टी मार्केट के संकट को दूर करने के लिए अपनी उधारी बढ़ा दी है। इसने चीन की क्रेडिट रेटिंग के बारे में चिंता बढ़ा दी है।

चीन की अर्थव्यवस्था कर रही है संघर्ष

चीन इस वर्ष रिकॉर्ड बॉन्ड जारी करने की राह पर है। साथ ही चीन की अर्थव्यवस्था भी इस साल रफ्तार पकड़ने के लिए संघर्ष कर रही है।


भारत के लिए अच्छे संकेत

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P ने कहा है कि भारत साल 2030 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और वित्त वर्ष 2026-27 में देश की GDP ग्रोथ रेट सालाना 7% तक पहुंच जाएगी। वहीं 2024-25 में भारत की GDP ग्रोथ रेट 6.4% रहेगी और वित्त वर्ष 2025-26 में GDP ग्रोथ रेट 6.9% पहुंच जाएगी।