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ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बना रहा है चीन, भारत को क्या-क्या होंगी परेशानी?

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध बनाने की वजह से भारत को क्या-क्या परेशानी हो सकती हैं? आइए नज़र डालते हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Jul 28, 2025

Dam on Brahmaputra

Dam on Brahmaputra (Representational Photo)

भारत और चीन के संबंधों में अक्सर ही उतार-चढ़ाव देखा जाता है। हालांकि चीन कुछ न कुछ ऐसा करने से बाज नहीं आता जिससे भारत को परेशानी हो। कुछ दिन पहले ही चीन ने ऐसे ही एक और प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया है। हम बात कर रहे हैं ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने की, जो चीन का महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश की बॉर्डर के पास ब्रह्मपुत्र नदी पर एक 19 जुलाई से बांध का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसे 'ड्रैगन' दुनिया की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना के तौर पर विकसित करना चाहता है। इस प्रोजेक्ट में 60,000 मेगावॉट की उत्पादन क्षमता होगी, जिससे चीन के आसपास के इलाकों में बिजली की सप्लाई होगी। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में 137-170 बिलियन डॉलर्स तक खर्च होंगे।

भारत को क्या-क्या परेशानी होंगी?

चीन के भह्मपुत्र नदी पर बांध बनाने से भारत को परेशानी हो सकती हैं। आइए उन पर नज़र डालते हैं।


◙ जल प्रवाह पर नियंत्रण और जल संकट

चीन इस बांध के ज़रिए ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित कर सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चीन, नदी के पानी को रोककर भारत के अरुणाचल प्रदेश, असम और मिजोरम में कृषि, सिंचाई और पेयजल की आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है। ब्रह्मपुत्र नदी पूर्वोत्तर भारत में खेती और पेयजल का प्रमुख स्रोत है। ऐसे में जल प्रवाह में कमी से इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था और आजीविका पर बुरा असर पड़ सकता है।


◙ बाढ़ का खतरा

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध बनाने से अरुणाचल प्रदेश और असम में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगेगा। अगर चीन इस बांध के दरवाजे अचानक खोल देता है, तो अरुणाचल प्रदेश और असम में तबाही मचाने वाली बाढ़ आ सकती है।


◙ भू-राजनीतिक खतरा

चीन का यह बांध, भारत के लिए भू-राजनीतिक खतरा भी है। आगे जाकर अगर दोनों देशों में बॉर्डर पर तनाव हुआ, तो चीन, इस बांध का इस्तेमाल भारत पर दबाव बनाने के लिए कर सकता है।


◙ पर्यावरणीय और पारिस्थितिक नुकसान

ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का निर्माण हिमालय के ऐसे संवेदनशील इलाके में हो रहा है, जो टेक्टोनिक प्लेट बॉर्डर पर स्थित है। ऐसे में जब यह बांध बनकर तैयार हो जाएगा, तो इससे भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में भूकंप या भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है।


◙ सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

ब्रह्मपुत्र नदी, अरुणाचल प्रदेश और असम के लिए बेहद ज़रूरी है। इस पर बांध बनने से इन दोनों राज्यों के लोगों को जल संकट और बाढ़ के खतरे को देखते हुए के विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से परेशानी तो होगी ही, साथ ही विस्थापन से सामाजिक अस्थिरता भी बढ़ सकती है। बांध की वजह से असम और पश्चिम बंगाल के बीच व्यापार भी प्रभावित हो सकता है।


चीन की इस हरकत का भारत कैसे देगा जवाब?

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध बनाने की इस हरकत का भारत भी जवाब देने की तैयारी में है। भारत ने चीन की साजिश से होने वाले खतरे को कम करने के लिए अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी पर एक बैराज बनाने की योजना शुरू की है, जो जल प्रवाह को नियंत्रित कर बाढ़ के खतरे को कम करेगा। इतना ही नहीं, भारत ने कूटनीतिक और एक्सपर्ट लेवल पर चीन के इस प्रोजेक्ट पर चिंता व्यक्त की है और निचले इलाकों के हितों को नुकसान न पहुंचे, इसकी मांग की है। हालांकि चीन ने अंतरराष्ट्रीय जल संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, जिससे उस पर दबाव बनाना आसान नहीं है।