क्या रूसी वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ के लिए भ्रम फैला रहे हैं यूरोपीय देश ? झांग कहती हैं, वहां सब कुछ चौंकाने वाला था। लग रहा था जैसे शूटिंग खत्म होते ही तुरंत फिल्म के सैट को तहस-नहस कर दिया गया और वहां कोई नहीं हो। जब मुझे लगा कि वुहान के लोग उपेक्षित महसूस कर रहे हैं तो मैंने वहां जाने का फैसला किया। एक वीडियो में झांग ने उस वक्त अस्पताल में अराजक हो चुके हालात को दिखाया है। उन्हें अधिकारियों ने शूट करने से रोक दिया। इसके बाद झांग और भी सक्रिय हो गईं और सिलसिलेवार कई वीडियो पोस्ट किए। बाद में झांग को गिरफ्तार कर लिया गया। वह भूख हड़ताल पर बैठी तो उन्हें जबरन खिलाया गया। 23 सितंबर को चीनी विदेश मंत्रालय ने महामारी और इससे निपटने की प्रक्रिया को स्पष्ट और पारदर्शी कहा बताया। लेकिन सब कुछ साफ था तीन अन्य नागरिक पत्रकारों को हिरासत में क्यों लिया गया?
महामारी पर चिंता जताने वाले 8 डॉक्टरों पर कार्रवाई
थोड़ा और पीछे चलें, दिसंबर 2019 में जब आठ डॉक्टर्स ने महामारी पर चिंता जताई तो चीनी अधिकारियों ने इसे अफवाह कहकर डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई और उन्हें परेशान किया गया। पिछले वर्ष जनवरी के शुरू में प्रांतीय और राष्ट्रीय सरकार ने 20 जनवरी तक वायरस फैलने की बात को दबाए रखा। अभी हाल ही में चीनी अधिकारियों ने पूरे मामले पर पर्दा डालते हुए कहा कि वायरस की उत्पत्ति वुहान में नहीं हुई। इसलिए संदेह फिर बढ़ रहा है कि चीन आखिर क्या और क्यों छुपा रहा है।