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3600 डिग्री तापमान भी झेल गया चीन का नया सिरेमिक

चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है, जो गेम-चेंजर साबित हो सकती है। क्या है यह खोज? आइए नज़र डालते हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Jun 17, 2025

China's new ceramic withstands 3600 degree temperature

China's new ceramic withstands 3600 degree temperature (Representational Photo)

फाइटर जेट्स के इंजनों की गड़गड़ाहट और मिसाइलों की तेज़ी के इस दौर में अगली जंग सिर्फ रफ्तार की नहीं, बल्कि तापमान सहने की काबिलियत की भी होगी। चीन (China) के वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में एक ऐसी ही खोज की है। पढ़कर मन में सवाल आना स्वाभाविक है कि चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसी क्या खोज कर ली? दरअसल चाइनीज़ वैज्ञानिकों ने ऐसी सिरेमिक सामग्री विकसित करने का दावा किया है, जो 3600 डिग्री सेल्सियस का तापमान भी झेल सकता है। यह सेरेमिक इतने ज़्यादा तापमान में भी अपनी मज़बूती नहीं खोता।

किसने की यह खोज?

यह खोज दक्षिण चीन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर चू यानहुई की टीम ने की है। उन्होंने हैफ्नियम, टैंटलम, जिरकोनियम और टंगस्टन जैसे उच्च तापमान में सहनशील और ऑक्सीकरण-प्रतिरोधी धातुओं को मिलाकर एक अत्यंत स्थिर ऑक्साइड शील्ड बनाई है। यह शील्ड न सिर्फ गर्मी को झेलती है, बल्कि अपने ढांचे को भी स्थिर बनाए रखती है।

क्यों है यह खोज गेम-चेंजर?

मेक-5 रफ्तार वाले हाइपरसोनिक जेट्स अब गर्म होकर ‘पिघलेंगे’ नहीं।

अंतरिक्ष यान बिना हीट शील्ड उतारे सुरक्षित पृथ्वी पर लौट सकेंगे।

मिसाइलें ऊपरी वायुमंडल में जलने के बजाय फिसलती हुई आगे बढ़ेगी।

प्लाज़्मा-प्रतिरोधी सेमीकंडक्टर्स के निर्माण में क्रांति ला सकती है।


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टेस्टिंग पद्धति में भी कमाल

सबसे चौंकाने वाली बात इसकी जांच प्रक्रिया है। आमतौर पर ऐसे मैटेरियल की टेस्टिंग विंड टनल या रॉकेट लॉन्च से की जाती है जो बहुत महंगे और जटिल होते हैं। लेकिन यानहुई की टीम ने लेज़र-संचालित हाई-थ्रूपुट सिस्टम विकसित किया है, जो छोटे सिरेमिक सैंपल को 3800 डिग्री सेल्सियस के तापमान तक ले जाकर उसकी प्रतिक्रियाओं को रियल टाइम में रिकॉर्ड करता है। यानी अब टेस्टिंग न सिर्फ सस्ती और तेज़ हो गई है, बल्कि बार-बार दोहराई जा सकने वाली भी है।


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