
चीन की अदालत (फोटो- चाइना डेली एक्स पोस्ट)
चीन में ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसे सुन कर आपके होश उड़ जाएगे। यहां एक अदालत ने हाल ही एक ही परिवार के 11 लोगों को एक साथ मौत की सजा सुनाई है। मिंग परिवार के नाम से जाने जाने वाले इस परिवार को अदालत जुआ, ठगी, ड्रग्स हत्या और वेश्यावृत्ति जैसे अपराधों के साथ साथ 10,000 लोगों को कैद कर के जबरन काम कराने के आरोपों में दोषी पाया है। इसी के चलते सोमवार को म्यांमार की अदालत ने यह ऐतिहासिक फैसला लेते हुए इसके 39 सदस्यों को अलग अलग सजा सुनाई गई है। इसमें 16 सदस्यों को मौत की सजा सुनाई गई है, जिसमें 5 को मौत की सजा पर दो साल की मोहलत मिली है।
लौकाइंग नामक कस्बे में रहने वाला यह मिंग परिवार चोरी, तस्करी और ड्रग्स जैसे कई गैरकानूनी कामों से जुड़ा है। इनके फैले हुए साम्राज्य ने पूरे चीन को हिला दिया था। 2015 में इन्होंने अपने अपराधों की शुरुआत की और कस्बे में जुए के अड्डे, ड्रग्स का कारोबार और ठगी के बड़े-बड़े सेंटर खोले। इस परिवार ने पहले लोगों को नौकरी का झांसा दिया और फिर उन्हें जबरन इन सेंटरों में कैद करके रखने लगा। इन लोगों से ऑनलाइन ठगी करवाई गई और मना करने या भागने की कोशिश करने पर इन्हें बेरहमी से पीटा जाता था। कैदी बनाए गए कई लोगों को इस बेरहमी परिवार ने जान से भी मारा है। मिंग परिवार पर दस हजार से ज्यादा लोगों को कैद करके रखने का आरोप है।
देखते ही देखते यह म्यांमार के शान प्रांत का सबसे ताकतवर परिवार बनने लगा। यह उन चार परिवारों में शामिल था जिसने लौकाइंग को अपराधों का गढ़ बनाया था। चीन में जुए को लेकर बने सख्त कानूनों के बावजूद इस परिवार ने लुक्काइंग में कई कैसिनो खोले। ऑनलाइन ठगी, कैसिनो और अन्य अपराधिक तरीकों से मिंग परिवार ने अरबों का धन जमा कर लिया। अदालत के मुताबिक, 2015 से लेकर अब तक मिंग परिवार ने जुआ, ठगी, ड्रग्स और वेश्यावृत्ति जैसे धंधों से 10 अरब युआन (करीब 1.4 अरब डॉलर) कमाए। इसमें एक लाख से ज्यादा विदेशी नागरिक फंसाए गए जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र ने इसे स्कैमडेमिक यानी महामारी नाम दिया।
हजारों चीनी नागरिकों के इस परिवार द्वारा ठगे जाने के बाद धीरे धीरे इनके कामों की जानकारी सरकार तक पहुंचने लगी। 2023 में इस परिवार के काले शासन का अंत हुआ और यह प्रशासन की पकड़ में आए। इस साल शान प्रांत में विद्रोही समूहों के एक ग्रुप ने सैन्य बल के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए लौकाइंग पर कब्जा कर लिया। हमले के दौरान मिंग परिवार के मुखिया- मिंग श्वेचांग ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली और बाकि परिवार के सदस्यों को चीनी सरकार को सौंप दिया गया। इसके साथ ही बंदी बना कर रखे गए हजारों लोगों को भी मिंग परिवार की कैद से रिहाई मिली और उन्हें सरकार को सौंपा गया। इस परिवार के खिलाफ कई मामलों में कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने इसके 11 सदस्यों को मौत की सजा, 11 को उम्रकैद, 5 को मौत की सजा पर दो साल की मोहलत और इसके बाकि बचे सदस्यों को 5 से 24 साल तक की जेल की सजा मिली है।
Published on:
02 Oct 2025 10:38 am
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