
American President Donald Trump, Indian Prime Minister Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping
अमेरिका (United States Of America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने चुनाव जीतने के बाद से ही ‘टैरिफ वॉर’ (Tariff War) को धमकी देनी शुरू कर दी थी और इसके तहत चीन (China) से आयात पर 10% टैरिफ लागू भी कर दिया गया है। चीन में भी अमेरिका के इस 'टैरिफ वॉर' का जवाब देने के लिए अमेरिकी कोयला और तरलीकृत प्राकृतिक गैस उत्पादों के आयात पर टैरिफ के रूप में 15% बॉर्डर टैक्स, अमेरिकी कच्चे तेल, कृषि मशीनरी और बड़े इंजन वाली कारों पर भी 10% टैरिफ लगा दिया है। चीन के ये टैरिफ आज से प्रभाव में आ गए हैं। आइए जानते हैं इससे क्या असर पड़ेगा।
अमेरिका और चीन के बीच पिछले कुछ सालों से तनाव बना हुआ है। बातचीत के बावजूद इस तनाव को कम नहीं किया जा सका। हालांकि ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने और संबंधों में सुधार करने की ओर इशारा किया था, लेकिन फिर उन्होंने चीन पर टैरिफ को घोषणा करते हुए पहले से चल रहे तनाव को और चिंगारी दे दी। अब चीन ने भी अमेरिका पर टैरिफ लगा दिया है, जिससे दोनों देशों के बीच पहले से चल रहा तनाव और बढ़ेगा।
अमेरिका और चीन, दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश हैं। ग्लोबल मार्केट पर भी दोनों देशों की अच्छी पकड़ है। हालांकि दोनों देशों के एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ लगाने से ग्लोबल मार्केट पर प्रेशर बढ़ेगा।
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अमेरिका और चीन के एक-दूसरे पर टैरिफ लगाने से ग्लोबल मार्केट में भारतीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं, इससे भारत-अमेरिका पार्टनरशिप को भी मज़बूती मिलेगी। भारत (India) के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 12-13 फरवरी को अमेरिका के दौरे पर रहेंगे और इस दौरान दोनों देशों के लीडर्स के बीच कई अहम विषयों पर बातचीत होगी, जिससे दोनों देशों के बीच कई सेक्टर्स में पार्टनरशिप को और बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में अमेरिका-चीन के बीच इस 'टैरिफ वॉर' का फायदा भारत-अमेरिका पार्टनरशिप को मिलेगा।
Updated on:
10 Feb 2025 01:11 pm
Published on:
10 Feb 2025 01:10 pm
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