
China Warn USA on Taiwan Issue Said Do not cross Red Line
China USA: ताइवान पर साल 2025 में चीन और अमेरिका के बीच एक बड़ी जंग शुरू होती दिखाई दे रही है। दो दिन पहले ही ताइवान (Taiwan) को अमेरिका ने चीन से निपटने के लिए विश्व का सबसे उन्नत टैंक दिया था, इसके अलावा जिस पर अब चीन भड़क गया है। चीन ने अमेरिका को चेतावनी दे दी है और ‘रेड लाइन’ क्रॉस ना करने को कहा है। चीन ने कहा है कि ताइवान मुद्दा चीन के हितों का मूल है और चीन-अमेरिका संबंधों (China USA Relations) में पहली लाल रेखा है जिसे पार नहीं किया जा सकता है।
ताइवान न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक बीते रविवार को ताइवान को हथियारों की बिक्री और सहायता की व्हाइट हाउस के ऐलान के बाद, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका आग से खेल रहा है। अमेरिका का ये कदम "एक-चीन सिद्धांत और तीन चीन-अमेरिका संयुक्त विज्ञप्तियों, खास तौर से '17 अगस्त' की विज्ञप्ति का गंभीर उल्लंघन करता है जो चीन की संप्रभुता और सुरक्षा हितों के खिलाफ है।
चीन के विदेश मंत्राल के प्रवक्ता ने दावा किया कि अमेरिका की कार्रवाइयों ने "ताइवान की आजादी' अलगाववादी ताकतों को गंभीर रूप से गलत संदेश दिया है।" अगर अमेरिका ताइवान की आजादी के लिए बल का प्रयोग करेगा तो इसे विफल कर दिया जाएगा। इसके बाद चीन ने अमेरिका से ताइवान को हथियारों की खेप तुरंत रोकने को कहा।
बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच विज्ञप्तियों में से एक 17 अगस्त, 1982 को जारी विज्ञप्ति में, अमेरिका ने प्रतिबद्धता जताई थी कि ताइवान को उसके हथियारों की बिक्री "संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बीच संबंधों की स्थापना के बाद से आपूर्ति किए गए हथियारों के स्तर से ज्यादा नहीं होगी। यानी अमेरिका ताइवान को हथियार भेजना धीरे-धीरे कम करेगा।
हालांकि इस विज्ञप्ति में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने सुनिश्चित किया था कि इस तरह के हथियारों की बिक्री में कोई भी कमी ताइवान जलडमरूमध्य में शांति पर निर्भर करती है। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को अमेरिका ने ताइवान को चीन से निपटने के लिए 571.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर के सैन्य हथियार और प्रशिक्षण देने का ऐलान किया था।
अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट्स के मुताबिक नए साल में अमेरिका और चीन के बीच एक नए संघर्ष की भी एंट्री हो सकती है। हालांकि इस संघर्ष की संभावना पूरी तरह से कूटनीतिक बातचीत, वैश्विक दबाव, और दोनों देशों की प्राथमिकताओं पर निर्भर करती है। दूसरी तरफ दोनों देश संघर्ष से बचने के लिए शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रयास जारी हैं। संघर्ष का नतीजा ना केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए गंभीर परिणाम ला सकता है।
Published on:
23 Dec 2024 03:33 pm
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