चीन ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अमरीका और बाकी कई देश WHO की जांच पर राजनीति कर रहे हैं। इन दिनों कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर WHO दूसरी बार जांच शुरू करने की तैयारी कर रहा है। दुनियाभर में 48 लाख लोगों की जान ले चुके कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर अभी तक कोई वैज्ञानिक राय कायम नहीं हो सकी है।
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वहीं, WHO ने 25 विशेषज्ञों की प्रस्तावित सूची जारी की जो वायरस की उत्पति के बारे में खोज के लिए अगले कदमों पर सलाह देंगे। इसके पहले के प्रयासों को चीन के प्रति नरम बताया गया था। चीन में दिसंबर 2019 में पहली बार मनुष्यों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला था। WHO की एक टीम के फरवरी के दौरे में बीजिंग पर आरोप लगा था कि वह आंकड़े मुहैया नहीं करा रहा है। जिसके बाद चीन ने आगे की जांच का विरोध किया था।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि चीन वैश्विक स्तर पर वैज्ञानिक रूप से इसका पता लगाने में सहयोग करेगा और इसमें भागीदारी निभाएगा और किसी भी तरह की राजनीतिक जोड़तोड़ का कड़ा विरोध करेगा। झाओ ने यह भी कहा कि हमें उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ सचिवालय सहित सभी संबंधित पक्ष और सलाहकार समूह निष्पक्ष एवं जवाबदेह वैज्ञानिक रूख अपनाएंगे।
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संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा प्रस्तावित विशेषज्ञों में कुछ ऐसे लोग शामिल हैं जो पहले की टीम में भी थे। यह टीम कोविड-19 की उत्पति की जांच के लिए चीन के वुहान शहर गई थी। चीन ने वुहान पहुंचते ही WHO के वैज्ञानिकों को 14 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया था। WHO के पुरानी टीम में अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ब्रिटेन, रूस, नीदरलैंड, कतर और वियतनाम के वायरस और अन्य विशेषज्ञ शामिल थे।