
Panama Canal
China influence Panama Canal: चीन (China) के कारण पनामा नहर (Panama Canal) बंदरगाहों पर राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) को खतरा है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की होमलैंड सुरक्षा उप समिति के अध्यक्ष कार्लोस जिमेनेज ने हाल ही में एक सुनवाई के दौरान पनामा नहर का जिक्र करते हुए परिवहन और समुद्री सुरक्षा के लिहाज से यह चेतावनी दी। रेडियो फ्री एशिया (RFA) की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में पनामा के नेता जोस राउल मुलिनो को धमकी दी थी कि यदि उनका देश नहर पर चीनी प्रभाव तुरंत कम नहीं करता है तो अमेरिका संभवतः जवाबी कार्रवाई करेगा (US response)।ध्यान रहे कि पनामा सरकार ने हाल ही में हांगकांग के अरबपति ली का-शिंग के सीके हचिसन समूह के स्वामित्व वाले बंदरगाहों (ports) का ऑडिट करने की घोषणा की है।
जिमेनेज ने सुनवाई के दौरान कहा, "हालाँकि पनामा ने हाल ही में हचिंसन बंदरगाहों का ऑडिट करने की घोषणा की है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।" रूबियो ने कहा, "हमें ऑडिट की आवश्यकता नहीं है, हमें केवल कार्रवाई की आवश्यकता है। क्योंकि अमेरिका यह स्वीकार नहीं कर सकता और न ही करेगा, जहाँ एक विदेशी व विरोधी हैं, जो खुले तौर पर हमारी वैश्विक स्थिति को कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा, अमेरिकी सहयोगियों को चीन से खुद को दूर रखना चाहिए, जिसमें चीनी राज्य के स्वामित्व वाले उद्यम भी शामिल हैं।
इस बीच, पूर्व सीआईए विश्लेषक मैथ्यू क्रोनिग ने चेतावनी दी कि पेरू और पनामा सहित चीन के बंदरगाह निवेश "अमेरिकी मातृभूमि की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, "चीन बंदरगाहों तक पहुंच प्रतिबंधित या अवरुद्ध कर सकता है, जिससे अमेरिकी व्यापार को बहुत नुकसान हो सकता है।"
गौरतलब है कि पनामा नहर विश्व के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में से एक है, जो अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ती है। यह नहर वैश्विक व्यापार के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और भारत के लिए भी रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। पनामा नहर का भारत से कई तरह से संबंध जुड़ा हुआ है, जो इस प्रकार हैं:
भारत के लिए पनामा नहर एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है। यह नहर भारतीय व्यापारियों को दोनों महासागरों में व्यापार करने की सुविधा देती है, जिससे भारत के उत्पादों को पश्चिमी और लैटिन अमेरिकी बाजारों में पहुंचाना आसान हो जाता है। नहर के माध्यम से भारत और अमेरिका, यूरोप और दक्षिण अमेरिका के देशों के बीच माल का परिवहन तेजी से होता है, जिससे व्यापारिक लागत कम होती है।
पनामा नहर के माध्यम से भारत के कई प्रमुख उद्योग, जैसे तेल, गैस, और अन्य खनिज संसाधन, वैश्विक बाजारों में निर्यात किए जाते हैं। इसके अलावा, भारतीय कंपनियां भी पनामा नहर क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। पनामा में बुनियादी ढांचे, बंदरगाहों और व्यापारिक सुविधाओं के विकास के लिए भारतीय कंपनियां सक्रिय रूप से निवेश कर रही हैं।
पनामा नहर भारत की समुद्री सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह नहर अमेरिका, यूरोप और एशिया के बीच माल परिवहन का एक प्रमुख मार्ग है, और किसी भी समुद्री संकट या युद्ध के दौरान इस नहर का नियंत्रण महत्वपूर्ण हो सकता है। भारत के लिए यह नहर एक रणनीतिक महत्व रखती है, क्योंकि यह न केवल व्यापार, बल्कि सैन्य उद्देश्यों के लिए भी एक प्रमुख मार्ग है।
भारत और पनामा के बीच व्यापार और निवेश के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध बढ़ रहे हैं। पनामा भारत के लिए एक व्यापारिक केंद्र बन चुका है, जो लैटिन अमेरिका में भारत के व्यापारिक उपस्थिति बढ़ाने में मदद कर रहा है। इसके अलावा, भारत और पनामा के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान भी बढ़ रहा है।
भारत और अन्य पश्चिमी देशों को हाल ही में, पनामा नहर पर चीन के बढ़ते प्रभाव के कारण चिंता होने लगी है। चीन ने पनामा में बंदरगाहों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर निवेश किया है, जो रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस कारण भारत को अपनी समुद्री रणनीति पर वापस विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि पनामा नहर क्षेत्र में चीन की उपस्थिति से भविष्य में प्रतिस्पर्धा और सुरक्षा से संबंधित मुद्दे उत्पन्न हो सकते हैं।
बहरहाल पनामा नहर भारत के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और रणनीतिक मार्ग है। इसका वैश्विक व्यापार, निवेश और सुरक्षा के दृष्टिकोण से अहम महत्व है। हालांकि, चीन के बढ़ते प्रभाव के मददेनजर भारत को इस क्षेत्र में अपनी रणनीति सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।
Updated on:
16 Feb 2025 08:34 pm
Published on:
16 Feb 2025 07:20 pm
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