ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर भी हिस्सा लेंगे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटिश पीएम कीर स्टारमर भी इसमें हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा, “यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक पीढ़ी में एक बार आने वाला क्षण है और यह स्पष्ट है कि यूरोप को नाटो में बड़ी भूमिका निभानी चाहिए।
अमेरिका और यूरोप को करीब लाने की कोशिश
कारमर यूक्रेन मुद्दे पर अमेरिका और यूरोप को करीब लाने की कोशिश में है। वे इस महीने के अंत में अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं। डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत ने हाल ही में यूक्रेन के लिए कहा था कि यूरोपीय नेताओं से परामर्श किया जाएगा, लेकिन वे युद्ध समाप्त करने के लिए अमेरिका और रूस के बीच किसी भी वार्ता में शामिल नहीं होंगे।
ब्लैकबोर्ड पर चाक की तरह और थोड़ा सा कष्टदायक
यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों में चिंता बढ़ने पर विशेष दूत कीथ केलॉग ने कहा कि पिछली वार्ता नाकाम हो गई थी, क्योंकि इसमें बहुत से पक्ष शामिल थे। उन्होंने कहा, “यह ब्लैकबोर्ड पर चाक की तरह और थोड़ा सा कष्टदायक हो सकता है, लेकिन मैं आपको जो ऐसा बता रहा हूं वो वास्तव में काफी सच है।”
जेलेंस्की ने कहा, कोई निमंत्रण नहीं मिला
यूरोप की दुखती रग मिन्स्क समझौता है, जो 2015 में यूक्रेन और रूस के बीच एक असफल युद्ध विराम संधि थी। फ्रांस और जर्मनी ने की ओर से मध्यस्थता की गई वार्ता का उद्देश्य पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में लड़ाई समाप्त करना था। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो समेत व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी आने वाले दिनों में सऊदी अरब में रूसी वार्ताकारों से मिलने वाले हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यूक्रेन को भी आमंत्रित किया गया है – हालांकि राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का कहना है कि उनके देश को ऐसा कोई निमंत्रण नहीं मिला है।
सऊदी अरब में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के साथ शांति वार्ता
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ 12 फरवरी को ट्रंप और पुतिन के बीच हुई मुलाकात के संबंध में फोन पर बातचीत की।अमेरिकी प्रतिनिधि माइकल मैककॉल ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया कि ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी आगामी दिनों में सऊदी अरब में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के साथ शांति वार्ता शुरू करेंगे।
राष्ट्रपति ट्रंप की टीम के साथ काम करना शुरू
इस बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का एक ट्वीट चर्चा में है। इसमें उन्होंने कहा, “हमने राष्ट्रपति ट्रंप की टीम के साथ काम करना शुरू कर दिया है और हम पहले ही देख सकते हैं कि सफलता प्राप्त की जा सकती है। अभी, दुनिया अमेरिका को एक ऐसी शक्ति के रूप में देख रही है जिसके पास न केवल युद्ध रोकने की क्षमता है, बल्कि उसके बाद शांति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में मदद करने का जज्बा भी है।”