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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कई दिनों से नहीं हुए सार्वजनिक, आखिर वहां चल क्या रहा है?

शी जिनपिंग ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स की सालाना बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। 12 सालों में पहली बार ऐसा होगा कि शी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। ऐसे में दुनिया भर की निगाहें बीजिंग की ओर टिक गई है। वह बीते कुछ दिनों से सार्वजनिक जगहों पर दिखाई भी नहीं दिए हैं।

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Chinese President Xi Jinping

Chinese President Xi Jinping

चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) पिछले कुछ हफ्तों से सार्वजनिक मौके पर दिखाई नहीं दे रहे हैं। अब खबर सामने आ रही है कि वह ब्राजील (Brazil) की राजधानी रियो डी जेनेरो में ब्रिक्स (BRICS) की सालाना बैठक में भी भाग नहीं लेंगे। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली क्यिांग ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेंगे। ऐसे में बीजिंग में आखिर क्या चल रहा है। इस पर दुनिया भर की निगाहें टिक गई है।

बीजिंग में नेता का गायब होना बड़ी बात

बीजिंग में नेता का गायब होना बड़ी बात है। शी जिंगपिंग बीते कई दिनों से सार्वजनिक मौके पर दिखाई नहीं दिए हैं। उनकी पिछली आधिकारिक यात्रा बेलारूस थी। जहां वह काफी थके हुए भी दिखाई दिए थे। चीनी मीडिया में भी कुछ समय के लिए उनका टाइटल गायब कर दिया गया था। सीधे नाम से संबोधन गया। हालांकि बाद में इसे ठीक कर लिया गया, लेकिन वैश्विक जगत को यह बात खटक गई।

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पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को बैठक से उठाया गया

बीजिंग में यह पहली बार नहीं है कि कोई शीर्ष स्तर का नेता गायब हुआ हो। साल 2022 में कम्युनिस्ट पार्टी के समारोह में पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ को सबके सामने से बाहर ले जाया गया। वह समारोह में राष्ट्रपति जिनपिंग के बगल में ही बैठे हुए थे, लेकिन उन्होंने कोई एक्सप्रेशन नहीं दिया। पूर्व राष्ट्रपति को समारोह से ले जाते समय कोई सफाई भी नहीं दी गई। बाद में बताया गया कि जिंताओं की तबीयत खराब हो गई थी।

विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री अचानक हो चुके हैं गायब

बीते साल रक्षा मंत्री, विदेश मंत्री और सैन्य अधिकारी गायब हो गए। कई हफ्तों बाद बीजिंग की तरफ से कहा गया उन पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप थे। कम्युनिष्ट पार्टी ने उनके खिलाफ चलाए गए मुकदमे के बारे में भी जानकारी नहीं दी। सब गुपचुप तरीके से चलता रहा। अलीबाबा कंपनी के फाउंडर जैक मा भी कुछ समय के लिए गायब हो गए थे, जब उन्होंने सरकार की आलोचना की थी। कई महीनों बाद जब वह सार्वजनिक मौकों पर दिखाई देने लगे तो उन्होंने सत्ता के खिलाफ बोलना बंद कर दिया था।

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साल 2013 में शी ने संभाली थी चीन की सत्ता

साल 2013 में शी जिंगपिंग ने चीन की बागडोर अपने हाथ में ली थी। इस दौरान चीन एक आर्थिक व सैन्य महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया। शी के कार्यकाल में चीन ने अमेरिका को आंखें भी दिखाई, लेकिन अब कहा जा रहा है कि जिनपिंग भले ही चीन के राष्ट्रपति हो लेकिन सत्ता की बागडोर असल में कहीं और है। कहा जा रहा है कि कम्युनिस्ट पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के फर्स्ट वाइस चेयरमैन जनरल झांग यूक्सिया फैसले ले रहे हैं।

झांग के बारे में कहा जाता है कि वह शी से कम सख्त हैं। उन्हें पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ व वरिष्य सेंट्रल कम्युनिस्ट मेंबर्स का समर्थन भी हासिल है। वहीं, चीन के नए राष्ट्रपति के नाम की रेस एक और नाम वेंग यांग चर्चा में है। यांग टेक्नोक्रेट रह चुके हैं। वह भी जिनपिंग की जगह ले सकते हैं। यांग को हाल ही में कम्युनिस्ट पार्टी का हेड बनाया गया है। वह चीन में लगातार रिफॉर्म की बात कर रहे हैं।

नियम में हुआ था बदलाव

चीन में नियम था कि एक राष्ट्रपति दो कार्यकाल से ज्यादा योगदान नहीं दे सकता, लेकिन कोरोना से पहले जिनपिंग ने इसे बदल दिया। इससे साफ था कि वह आजीवन चीन के राष्ट्रपति रहना चाहते हैं। यह ठीक उसी तरह था, जैसे रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूसी संविधान में बदलाव किया था।