
नई दिल्ली।
अमरीकी खुफिया एजेंसी सीआईए के निदेशक बिल बन्र्स हाल ही में भारत आए थे। इस दौरे के दौरान बन्र्स की टीम के एक सदस्य में हवाना सिंड्रोम के लक्षण देखे गए। स्थिति गंभीर हुई तो इलाज भी किया गया। सीआईए के अधिकारी मान रहे हैं कि इस घटना के जरिए बन्र्स सीआईए के निदेशक बिल बन्र्स को यह सीधा संदेश देने की कोशिश की गई कि कोई भी सुरक्षित नहीं है। चाहे वह अमरीकी खुफिया एजेंसी के अधिकारी ही क्यों नहीं हों।
बीते एक महीने में यह दूसरी बार है, जब अमरीकी राष्ट्रपति जो बिडेन की टीम के अधिकारियों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा रहस्यमय बीमारी की वजह से प्रभावित हुई है। पिछले महीने अगस्त में अमरीका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस वियतनाम की यात्रा पर जाने वाली थीं। लेकिन उनकी यात्रा को कुछ समय के लिए टालना पड़ा, क्योंकि अमरीका के कई अधिकारी यात्रा से पहले ही हवाना सिंड्रोम के शिकार हो गए थे।
यही नहीं, बिल बन्र्स और नेशनल इंटेलिजेंस के निदेशक अवरिल हैनेस के नेतृत्व में हवाना सिंड्रोम के इस रहस्यमय हमले की काफी जांच की गई है। बताया जा रहा है कि यह जांच इस साल के अंत तक पूरी हो जाएगी। फिलहाल इस बात की संभावना कम है कि जो रिपोर्ट आएगी, उसे तुरंत सार्वजनिक भी कर दिया जाएगा। वहीं, सीआईए के प्रवक्ता ने इन घटनाओं और अधिकारियों पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
सीआईए से जुड़े सूत्रों की मानें तो जब किसी को ऐसी दिक्कत होती है, तो उसका इलाज कराया जाता है। उनके मुताबिक, सीआईए अपने अधिकारियों की सुरक्षा के लिए काम करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सीआईए विशिष्ट घटनाओं या अधिकारियों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करता। वहीं, भारत में सीआईए की टीम पर रहस्यमय सिंड्रोम का असर गंभीर हो सकता है। सीआईए डायरेक्टर बन्र्स की यात्रा गोपनीय थी। उनकी सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे। इसके बाद भी टीम का सदस्य इस सिंड्रोम का शिकार हो गया। इससे यह भी लगता है कि हमला करने वाले सीआईए की यात्रा से परिचित थे।
दरअसल, वर्ष 2016 में क्यूबा में अमरीका दूतावास के अधिकारियों ने शिकायत की थी कि उन्हें उल्टी, नाक से खून आना और बेचैनी की शिकायत हो रही है। इस हमले को हवाना सिंड्रोम कहा जाने लगा। माना जाता है कि अमरीकी अधिकारियों के खिलाफ छिपकर सोनिक हथियार का इस्तेमाल किया गया था।
Published on:
21 Sept 2021 12:02 pm
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