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रूस और यूक्रेन विवाद: भारतीय छात्रों की मदद के लिए दूतावास में बनाया गया कंट्रोल रूम, फ्लाइट संख्या बढ़ाने का भी आदेश

locationनई दिल्लीPublished: Feb 17, 2022 07:46:13 am

Submitted by:

Arsh Verma

रूस और यूक्रेन विवाद: यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे तनाव के बीच वहां रह रहे भारतीय छात्रों के लिए भारतीय सरकार निरंतर मदद के प्रयास कर रही है। सरकार ने अब यूक्रेन से आने वाली फ्लाइट्स की संख्या को बढ़ाने की बात भी सामने रखी है।

Control Room set up by MEA to help Indian students in Ukraine

(Representative Image) रूस और यूक्रेन विवाद:

Ukraine Crisis: यूक्रेन में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। भले ही रूस ने अपने कुछ सैनिकों को वापस बेस पर बुलाने का आदेश जारी किया है, लेकिन इसके बावजूद हालात अब तक सुधरे नहीं हैं। इसे देखते हुए अब भारतीय दूतावास ने भी एक एडवाइजरी जारी की है जिसमे कहा गया है कि यूक्रेन में छात्रों के लिए एक कंट्रोल रूम खोला जाएगा जो छात्रों की 24 घंटे मदद करेगा इसके साथ यूक्रेन से आने वाली फ्लाइट्स की भी संख्या बढ़ाने का आदेश जारी किया है।
 


यूक्रेन में भारतीय दूतावास की तरफ से कहा गया है कि, हमें इस बात की जानकारी है कि, कई भारतीय छात्र यूक्रेन में हैं। साथ ही सभी के परिजन उनके लिए काफी चिंतित हैं। सभी लोग भारत के लिए फ्लाइट्स का इंतजार कर रहे हैं और इसे लेकर जानकारी चाहते हैं। इसके लिए तमाम एयरलाइंस और एविएशन अथॉरिटी से बात की जा रही है, कोशिश है कि यूक्रेन और भारत के बीच फ्लाइट्स की संख्या को बढ़ाया जाए।

भारतीय लोगों के लिए एंबेसी में भी कंट्रोल रूम तैयार किया गया है, साथ ही विदेश मंत्रालय भी यूक्रेन में रहने वाले लोगों के परिवारों की चिंताओं को दूर करने की कोशिश में जुटा है। लोगों की हर तरह से मदद करने की कोशिश की जा रही है।
 


रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे।

दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था, उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।


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