
अचानक क्यों बढ़ गए डेंगू के मरीज? फोटो सोर्स-Ai
Dengue Outbreak Sindh: पाकिस्तान के सिंध राज्य में डेंगू वायरस (Dengue Sindh) ने फिर से कोहराम मचा रखा है। ताजा खबर के मुताबिक, तीन और लोगों की जान चली गई, जिससे कुल मौतों का आंकड़ा 36 पर पहुंच गया। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। हैदराबाद (Karachi Hyderabad Dengue) में एक 50 साल का आदमी और 80 साल की बुजुर्ग महिला ने (Pakistan Dengue Deaths) दम तोड़ा, जबकि कराची में 55 साल की एक महिला की मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है। पिछले 24 घंटों में डेंगू के 180 नए मरीज मिले हैं। इनमें से 113 मरीज सरकारी अस्पतालों और 57 निजी क्लिनिक में भर्ती हैं । कुल मिलाकर सिंध में 241 (Sindh Outbreak 2025) मरीजों का इलाज चल रहा है। कराची डिवीजन में 44 लोग अस्पताल पहुंचे, हैदराबाद में 35 और बाकी जिलों में 34 मरीज हैं। ये आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं, क्योंकि मच्छरों का प्रकोप कम नहीं हो रहा है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक दिन में 5,229 टेस्ट किए, जिनमें 774 पॉजिटिव निकले। अच्छी खबर यह है कि 191 मरीज ठीक होकर घर लौट गए। फिर भी, स्थिति गंभीर है। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और बुखार आने पर फौरन डॉक्टर से मिलें। छोटी-छोटी सावधानियां बड़ी मुसीबत से बचा सकती हैं।
सिंध में डेंगू की यह लहर नवंबर में और तेज हो गई है। पूरे साल में 11,763 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अकेले इस महीने 6,199 केस सामने आए हैं। कराची और हैदराबाद सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मच्छरों के कारण यह बीमारी फैल रही है, और बारिश के बाद पानी जमा होने से प्रजनन स्थल बढ़ गए हैं। पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन (PMA) ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि कराची और हैदराबाद में तुरंत स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जाए। एसोसिएशन का कहना है कि मच्छरों को नियंत्रित करने के लिए फौरन स्प्रे और अन्य उपाय शुरू हों। उन्होंने डेंगू कंट्रोल प्रोग्राम की स्वतंत्र जांच की मांग की है।
पीएमए ने साफ कहा कि नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग में तालमेल की कमी है। शहर मच्छरों का अड्डा बन गए हैं। यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि सरकारी लापरवाही का नतीजा है। विभागों की जवाबदेही तय होनी चाहिए, ताकि आगे ऐसी गलतियां न हों।
बहरहाल लोगों को सतर्क रहना होगा। घर में पुराने टायर, गमले या कूलर में पानी न जमा होने दें।बॉडी कवर कपड़े पहनें और रिपेलेंट लगाएं। अगर तेज बुखार, जोड़ों में दर्द या चकत्ते दिखें, तो देर न करें। समय पर इलाज से जान बच सकती है। सिंध सरकार को अब सख्त कदम उठाने पड़ेंगे, वरना आंकड़े और भयावह हो सकते हैं। यह महामारी सिर्फ सिंध तक सीमित नहीं रह सकती है। पड़ोसी इलाकों व देशों में भी अलर्ट जारी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि कम्युनिटी लेवल पर जागरूकता ही असली हथियार है। (ANI)
Updated on:
16 Nov 2025 01:25 pm
Published on:
16 Nov 2025 12:29 pm
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