
आगरा। किसी भी समस्या का समाधान तब तक सम्भव नहीं है, जब तक समस्या की जड़ को न समझा जाए। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नर्मदा नदी के माध्यम से देश की नदियों की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि देश के अन्य राज्य नर्मदा नदी संरक्षण कार्ययोजना से सीख लें। उन्होंने मध्य प्रदेश में अमरकंटक में नर्मदा सेवा यात्रा के समापन समारोह में इस तथ्य को स्वीकारा कि आज देश में ऐसी कई नदियाँ हैं जो अपना अस्तित्व खो चुकी हैं, उनमें अब पानी नहीं रह गया है और उनका नाम केवल नक्शे पर ही बाकी रह गया है। देर से ही सही उप्र में नदियों के संकट को दूर करने में जिस तरह से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुनियादी ढांचा तैयार करने में लगे हैं, उससे नागरिकों में एक आशा की किरण जगी है कि प्रदूषण मुक्त यमुना जल्द ही ताजनगरी वासियों की प्यास बुझानें को कलकल निनाद करती अपने पुराने स्वरूप में लौटेगी।
बैराज का विकल्प है रबर डैम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अक्टूबर को आगरा आ रहे हैं। वे यहां विकास की विभिन्न योजनाओं के साथ ही ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में नगला पैमा में रबर चेक डेम कार्ययोजना का शिलान्यास करेंगे। वर्षों से पेयजल समस्या से जूझ रही ताजनगरी के लिए रबर चैक डेम का निर्माण बैराज के विकल्प के रूप में उभरेगा। इतना ही नहीं रबर चेक डेम के निर्माण के साथ ही आगरा में पर्यटन से जुड़े विभिन्न योजनाओं का विकास भी स्वतः ही जो जाएगा। नदी के लिए उसका प्रवाह बहुत जरूरी है। चेक डेम बनने के बाद यमुना में पानी का प्रवाह बढ़ जाएगा। जिससे स्टीमर चल सकेंगे और किनारों पर पर्यटकों की गतिविधियां बढ़ेगी। दरअसल चेक डेम के निर्माण में कोई तकनीकी समस्या भी नहीं है। भारत के कई राज्यों में इस प्रकार के चेक डेम सफलता पूर्वक कार्य कर रहे हैं। इसके निर्माण की कुल लागत 281 करोड़ की है और इसके निर्माण के लिए पर्यावरणीय अनुमतियां भी लेने की आवश्यकता नहीं है। इससे पहले कई बार अन्य मुख्यमंत्रियों द्वारा यमुना पर बैराज व चेक डेम निमार्ण के दिवा स्वप्न दिखाए गए लेकिन, यमुना तो योगी से ही आस लगाए बैठी हैं। यमुना पर रबड़ चेक डेम निर्माण की भूमिका न केवल शहर के पेयजल संकट अपितु वर्षा के जल व नदियों की बाढ़ के जल को संजोने व भूजल के रूप में संरक्षित रखने के रूप में आने वाले दिनों में सुखद परिणाम देने वाली होगी।
पहले दौर में भी पहुंचे थे यमुना किनारे
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार आगरा भ्रमण पर आए योगी आदित्यनाथ सबसे पहले युमना की तलहटी गए थे। यहां उन्होंने जिले की पेयजल समस्या के समाधान के लिए अधिकारियों से विमर्श किया था और पूछा भी था कि यमुना में पानी कहां है? उस समय ही इस बात के संकेत मिल गए थे कि पर्यावरण व नदी सुधार की दिशा में अवश्य ही वह कोई अच्छी पहल करेंगे। जो आज सफल होती दिख भी रही है।
राज्य सेतु निगम की तीन योजनाओं का लोकार्पण
मुख्यमंत्री आगरा में शाहजहां गार्डन में राज्य सेतु निगम की 162 करोड़ की लागत वाली तीन योजनाओं का लोकार्पण भी करेंगे। 10 करोड़ की लागत से खारी नदी अकोला-बेरी मार्ग पर। यमुना नदी पर रुनकता के पास गांव अकबरा और नेरा के बीच नेरा घाट पर सेतु का निर्माण तथा मलपुरा-इटौरा मार्ग पर झांसी-आगरा रेल सेक्शन पर रेल फाटक संख्या 490 सी पर आरओबी का लोकार्पण भी करेंगे। सरकार ने इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया है। इसके अलावा कछपुरा मेहताब बाग में 22 करोड़, आगरा फोर्ट 22 करोड़, विजिटर सेंटर 105 करोड़, म्यूजियम 141 करोड़ और ओरिएंटल सेंटर 70 करोड़ की धनराशि से विकास कराया जायेगा।
Published on:
26 Oct 2017 08:12 am
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