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बांग्लादेश में दुर्गा पूजा 2025: सुरक्षा अलर्ट के बीच हिंदू समुदाय की शानदार तैयारियां और चुनौतियां

Durga Puja Bangladesh 2025:बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव की धूमधाम से तैयारियां की जा रही हैं।

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भारत

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MI Zahir

Sep 26, 2025

Durga Puja Bangladesh 2025

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव के तहत मनाया जा रहा महालय। (फोटो: X Handle All india Radio.)

Durga Puja Bangladesh 2025: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय सुरक्षा की चिंताओं के बीच अपने सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Bangladesh 2025) मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है। इस साल पूजा 28 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी, जिसमें पांच दिनों तक उत्सव मनाया जाएगा। पूजा मंडपों में देवी दुर्गा की आकर्षक मूर्तियां सजाई गई हैं। हिंदू नेताओं के अनुसार, पूरे देश में 33,355 से ज्यादा पूजा आयोजन हो रहे हैं, जो पिछले साल से करीब 1,000 अधिक हैं। यह संख्या समुदाय का उत्साह दर्शाती है। दुर्गा पूजा उत्सव(Bangladesh Hindu Festival) की तैयारियों के दौरान कई जिलों में मूर्तियों और मंदिरों पर हमले की खबरें आई हैं। इनमें कुस्तिया, चटगांव, कुरीग्राम, सथखिरा, जेनीदाहा, नेत्रकोना, गैबंधा, पंचगढ़, जमालपुर, नटोर, गाज़ीपुर, मानिकगंज और चपैनवाबगोंज शामिल हैं। ढाका मेट्रोपॉलिटन सार्वजनिक पूजा समिति के अध्यक्ष जयंत कुमार देब ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई की (Security Alert Puja) और कई दोषियों को गिरफ्तार किया है। वे नहीं चाहते कि त्योहार के दौरान कोई हिंसा हो।

सामाजिक जागरूकता की जरूरत

देब ने जोर देकर कहा कि हिंसा रोकने के लिए सिर्फ कानूनी कार्रवाई काफी नहीं है। देश की प्रबुद्ध सोच और सामाजिक विरोध भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के पांच दिनों की सुरक्षा के बारे में सोचना पर्याप्त नहीं, बल्कि पूरे साल यानि 365 दिनों की सुरक्षा पर ध्यान देना चाहिए। अगर हम भेदभाव मुक्त बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, तो गैर-सांप्रदायिक चेतना विकसित करनी होगी। हम दोषियों को सजा देने की संस्कृति बनाना चाहते हैं।

पूजा परिषद के निर्देश और मांगें

बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद ने पूजा आयोजकों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 22 सूत्री दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें अधिकारियों से समन्वय और त्योहार की सुरक्षा पर जोर ​दिया गया है। परिषद ने धार्मिक अल्पसंख्यकों और निर्दोष लोगों पर झूठे मामले वापस लेने की मांग भी की है। यह कदम समुदाय की सुरक्षा मजबूत करने के लिए उठाया गया है।

पिछली घटनाओं का जिक्र

राष्ट्रीय पूजा उत्सव परिषद के अध्यक्ष बाशुदेव धर ने ढाकेश्वरी मंदिर में बताया कि पिछले साल 5 अगस्त को हुए विद्रोह के बाद कुछ मंदिरों और मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था, लेकिन सरकार ने दोषियों पर कार्रवाई की। इस साल भी 11 जिलों में तोड़फोड़ हुई, लेकिन गृह सलाहकार और सुरक्षा अधिकारियों से बैठक के बाद पर्याप्त सुरक्षा का आश्वासन मिला है।

ढाकेश्वरी मंदिर का महत्व

ढाकेश्वरी मंदिर, जिसका अर्थ ढाका की देवी है, बांग्लादेश का राष्ट्रीय हिंदू मंदिर है। कुछ विद्वानों का मानना है कि ढाका शहर का नाम इसी मंदिर से पड़ा। धर ने कहा कि दुर्गा पूजा हमारी है, लेकिन उत्सव सबके लिए हैं। यह बांग्लादेश की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है।

एकजुटता की अपील

बहरहाल बांग्लादेश में हिंदू समुदाय हाई अलर्ट के बीच दुर्गा पूजा उत्सव मनाने के लिए तैयार है। सुरक्षा चिंताएं हैं, लेकिन उत्साह कम नहीं हुआ। नेता अपील कर रहे हैं कि सभी मिलकर गैर-सांप्रदायिक समाज बनाएं, ताकि ऐसे त्योहार शांति से मनाए जा सकें। यह उत्सव न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सामाजिक एकता भी मजबूत करता है।