
earth ends
Space news: हमारे सौर मंडल में सिर्फ एक ग्रह ऐसा है जिस पर जीवन मौजूद है और ये है हमारा नीला ग्रह धरती। धरती पर जीवन को पनपे हुए करोड़ों साल हो चुके हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती (Earth) के खात्मे के बाद इंसानों को कहां बसाया जाएगा, इसका जवाब एक शोध में मिल गया है। ये रिसर्च नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित हुई है। इस रिसर्च में उन दो ग्रहों के नाम बताए गए हैं जहां पर इंसानों को दोबारा बसाया जा सकता है।
नेचर एस्ट्रोनॉमी की इस रिपोर्ट के मुताबिक धरती का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है, और एक वक्त ऐसा आएगा कि धरती बुरी तरह जलने लगेगी, सूर्य की गर्मी से प्रकृति नष्ट होने लगेगी और समंदर का पानी तक सूख जाएगा। धरती भट्टी की तरह जलेगी। रिसर्च के मुताबिक ये घटना सूर्य (Sun) के एक विशाल तारे में परिवर्तित होने की घटना के दौरान की होगी। इस घटना को वैज्ञानिकों ने रेड जिंयांट स्टार फेज़ (Red Giant Star Phase) कहा है।
इसमें कहा गया है कि सूर्य एक लाल विशालकाय तारा बन जाएगा, और पूरे सौरमंडल में फैलने लगेगा। इसके फैलने से धरती सूर्य में भी समा सकती है, ऐसा इस रिपोर्ट में कहा गया है, साथ में ये भी कहा गया है कि धरती का सूर्य में समा जाना अनिश्चित घटना है। लेकिन इससे धरती पर जीवन का अंत हो जाएगा, ऐसा हो सकता है। ये भी हो सकता है कि धरती खतरनाक रूप से उसके बेहद नजदीक से परिक्रमा करती रहेगी। अगर धरती बच गई तो सूर्य के तेज विकिरण से प्रभावित होगी और रहने लायक नहीं रहेगी। इससे धरती पर रह रहे प्राणी, जीव-जंतु सभी नष्ट हो जाएंगे।
नेचर एस्ट्रोनॉमी की इस रिपोर्ट में लिखा है कि रेड जियांट स्टार के इस फेज़ से बुध और शुक्र ग्रह सूर्य की बाहरी परतों में समा जाएंगे। क्योंकि ये सूर्य के सबसे नजदीक वाले ग्रह हैं। वहीं मंगल और बाहरी गैसीय ग्रह जैसे बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून जहां तक बच जायेंगे। सूर्य का द्रव्यमान कम हो जाएगा, जिससे ग्रहों पर उसका गुरुत्वाकर्षण कमजोर हो जाएगा, जिससे उनकी कक्षाएं फैल जाएंगी। ग्रहों का वायुमंडल तीव्र विकिरण से भर जाएगा।
नेचर एस्ट्रोनॉमी की इस रिपोर्ट में लिखा है कि ऐसे में इंसानों को दूसरी जगह बसाना होगा और इसके लिए दो ग्रहों को वैज्ञानिकों ने चुना है। ये ग्रह हैं जुपिटर और सैटर्न यानी बृहस्पति और शनि, क्योंकि ये दो ग्रह सूर्य के काफी दूर हैं, इसलिए इन पर उतना ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, जितना दूसरे ग्रहों पर पड़ेगा।
वहीं इस रिपोर्ट में रेड ज्वाइंट फेज के बाद सूर्य की गर्मी खत्म हो जाएगी और वो एक सफेद बौना ग्तारा बन जाएगा। जिसकी परिक्रमा बाकी ग्रह करेंगे। रिपोर्ट इस रेड ज्वाइंट फेज़ को आने में लगभग पांच अरब सालों हैं।
Published on:
07 Oct 2024 03:29 pm
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