
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आंदोलन करते बलूची। (फोटो क्रेडिट : ANI)
Pakistan-Balochistan conflict : भारत के पड़ोस में पिछले कुछ वर्षों में अलग बलूचिस्तान देश की मांग जोर पकड़ रही है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान को नया देश बनाने (Pakistan without Balochistan) की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसे में पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत यदि अलग राष्ट्र बना तो विश्व के मानचित्र पर इसका स्वरूप कैसा होगा? बलूचिस्तान का नक्शा कैसा होगा, पाकिस्तान पर इसका क्या असर (Balochistan independence impact) पड़ेगा? यहां जानते हैं ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब।
पाकिस्तान के प्राकृतिक गैस और खनिज के 40 से 50 फीसदी भंडार इस प्रांत में हैं, लिहाजा पाकिस्तान की 20 से 30 फीसदी इकोनॉमी इसी पर निर्भर है। यदि बलूचिस्तान हाथ से गया तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा। इसके अलावा चीन पाकिस्तान इकॉनामिकल कॉरिडोर (CPEC) और वन बेल्ट वन रोड योजना (CPEC and Balochistan separation) खटाई में पड़ने से उसे अरबों रुपए का नुकसान होगा। इस परियोजना से चीन मध्य एशिया और हिंद महासागर तक पहुंच बना रहा है।
बलूचिस्तान के रेको डिक खदान में तांबा और सोने तथा सुई गैस फील्ड में प्राकृतिक गैस भंडार तथा 40 से 50 अन्य खनिज का केन्द्र है। ये संसाधन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं।
स्वतंत्र बलूचिस्तान क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया में 65 वां और जनसंख्या की दृष्टि से 178वां देश होगा। यह जर्मनी, मलेशिया, इटली, ओमान, वियतनाम, फिलीपीन्स, न्यूजीलैंड जैसे देशों से बड़ा होगा। बलूचिस्तान के अलग होने से पाकिस्तान का क्षेत्रफल 43.6 त्न कम हो जाएगा।
बलूचिस्तान का क्षेत्रफल 3,47,190 वर्ग किमी है, इसमें अरब सागर से लगी 700 किमी लंबी सीमा रेखा ईरान और अफगानिस्तान को जोड़ती है। करीब 1.40 करोड़ की आबादी वाले बलूचस्तिान में फिलहाल 65 विधानसभा सीटें हैं।
40-50 तरह के खनिज संसाधन
20 ट्रिलियन क्यूबिक फीट प्राकृतिक गैस
5.9 बिलियन टन अयस्क, 2 फीसदी तांबा
350 टन सोने के भंडार
200 मिलियन टन कोयला
200 मिलियन टन लौह अयस्क
2 मिलियन टन क्रोमाइट
छोटे भंडार : सीसा, जस्ता, मैंगनीज, पेट्रोलियम के छोटे भंडार। अच्छी क्वालिटी का संगमरमर
62 फीसदी आबादी गरीबी रेखा के नीेचे
20 फीसदी पाक की सबसे गरीब आबादी
85 फीसदी आबादी राष्ट्रीय ग्रिड से नहीं जुड़ी
54.5 फीसदी साक्षरता, महिला साक्षरता सिर्फ 20 फीसदी
बलूचिस्तान का स्वतंत्र होना भारत की सामरिक स्थिति को मजबूत कर सकता है। चीन का प्रभाव कम होगा। पाकिस्तान का दखल हटने से आतंक के अड्डे बंद होंगे। बलूचिस्तान के संसाधन और बंदरगाह भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
पाकिस्तान की इकोनॉमी में महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद बलूच अभाव में जी रहे हैं। भेदभाव होता है, सेना में शीर्ष पदों पर बलूच नियुक्त नहीं किए जाते। इसी लिए बलूच लिबरेशन आर्मी (BLI), बलूच रिपब्लिकन आर्मी और बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट जैसे संगठन आजादी की मांग कर रहे हैं।
Updated on:
18 May 2025 06:11 pm
Published on:
18 May 2025 05:41 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
