
Salman Rushdie attack: न्यूयॉर्क (New York) की एक अदालत ने सन 2022 में विवादित उपन्यासकार सलमान रश्दी (Salman Rushdie) की हत्या का प्रयास करने के आरोप में एक हमलावर(attacker) को शुक्रवार को दोषी पाया है। पवित्र इस्लामी ग्रंथ कुरान की आयतों पर सैटेनिक वर्सेज पुस्तक लिख कर विवादों में आए मशहूर लेखक सलमान रश्दी को संघीय आतंकवाद से संबंधित आरोपों का भी सामना करना पड़ रहा है। उन पर हमलावर हादी मातर (Hadi Matar) ने 15 बार चाकू से हमला किया गया था और उन्होंने एक आंख खोई थी। ध्यान रहे कि ईरान के धार्मिक नेता अयातुल्ला खुमैनी ने 1989 में सलमान रश्दी को उनके उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज (Satanic Verses)" में कथित ईश निंदा के लिए मौत की सजा देने का फतवा जारी किया था।
चौटाउक्वा काउंटी की जूरी ने फेयरव्यू, न्यू जर्सी के 27 वर्षीय हादी मातर को रश्दी पर चाकू से हमला करने का दोषी पाया, जब वे पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक व्याख्यान देने जा रहे थे। एरी टाइम्स-न्यूज़ -यूएसए टुडे नेटवर्क के अनुसार जब ज्यूरी फोरपर्सन ने सैकंड-डिग्री हत्या के प्रयास और सैकंड-डिग्री हमले के लिए दोषी ठहराने का फैसला जोर से पढ़ा तो मातर का सिर झुक गया। मातर को संयुक्त आरोपों के कारण 25 साल तक की जेल हो सकती है। चौटाउक्वा काउंटी के जिला अटॉर्नी जेसन श्मिट ने फैसले के बाद कहा, यह पूरा समुदाय यहां न्याय का हकदार है और मुझे खुशी है कि हम उनके लिए यह हासिल करने में सक्षम थे।
मातर को 23 अप्रेल को सजा सुनाई जानी है। मातर का प्रतिनिधित्व करने वाले चौटाउक्वा काउंटी के वकील नथानिएल बैरोन ने कहा कि बचाव पक्ष फैसले से "निराश" था और अपील दायर करने पर विचार करेगा। बैरोन ने कहा, "सजा सुनाने के बाद, चाहे वह कुछ भी हो, हम चौथे व अपीलीय प्रभाग में अपील का अपना नोटिस दाखिल करेंगे और किसी भी अपीलीय मुद्दे पर विचार करेंगे।
सलमान रुश्दी का द सैटेनिक वर्सेज 1988 का एक उपन्यास है जो यूनाइटेड किंगडम में अप्रवासियों के अनुभव से संबंधित है और इस्लाम और सामान्य रूप से विश्वास के विभिन्न पहलुओं की आलोचना करता है। इसमें कुरान की आयतों को शैतानी आयतें कहा गया है, जिसका पूरी इस्लामी दुनिया में विरोध हुआ था।
सलमान रश्दी पर हमला 12 अगस्त 2022 को न्यूयॉर्क राज्य के पश्चिमी क्षेत्र स्थित चौटाउक्वा इंस्टीट्यूशन में हुआ था। वे वहां एक साहित्यिक कार्यक्रम में भाषण देने के लिए पहुंचे थे, जब हादी मातर नामक व्यक्ति ने उन पर चाकू से हमला किया।
सलमान रश्दी सन 2020 में आयोजित जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शिरकत नहीं कर सके थे। उन्होंने ई-मेल कर समारोह के आयोजकों को इस बात की जानकारी दी थी कि वे समारोह में नहीं आ रहे हैं, क्योंकि उन्हें भारत में जान का खतरा है। सलमान रश्दी के भारत आने का दारुल उलूम सहित कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया था। उनका कहना था कि 'सैटेनिक वर्सेज' लिखने वाले रश्दी को भारत नहीं आना चाहिए।
Updated on:
22 Feb 2025 01:02 pm
Published on:
22 Feb 2025 10:19 am
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग
