
Saveera Parkash, a Hindu woman contesting election in Pakistan
पाकिस्तान (Pakistan) में 8 फरवरी को होने वाले चुनाव में अब सिर्फ 2 दिन ही बचे हैं। इसके साथ ही पाकिस्तान को अपना नया पीएम भी मिल जाएगा। देश में एक साल से भी ज़्यादा समय से राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है और चुनाव के बाद इसके थमने की उम्मीद जताई जा रही है। पाकिस्तान के चुनाव में कई दिग्गज और नामी नेता हिस्सा ले रहे हैं। पर इस बार के चुनाव में कुछ ऐसा होने जा रहा है जो इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। पाकिस्तान में इस बार की चुनावी बिसात पर एक हिंदू महिला भी है और देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब एक हिंदू महिला पाकिस्तान में चुनाव लड़ेगी। पाकिस्तान में राजनीति में महिलाओं को ज़्यादा तवज्जो नहीं दी जाती। ऐसे में एक हिंदू महिला का चुनाव लड़ना ऐतिहासिक है। ऐसे में मन में सवाल आना लाज़िमी है कि पाकिस्तान में चुनाव लड़ने वाली पहली हिंदू महिला का क्या नाम है? इस हिंदू महिला का नाम सवीरा प्रकाश (Saveera Parkash) है।
पेशे से डॉक्टर है सवीरा
सवीरा की उम्र 25 साल है और वह पेशे से एक डॉक्टर है। सवीरा के पिता ओमप्रकाश भी डॉक्टर थे और साथ ही राजनीति में भी सक्रिय थे।
कहाँ से और किस पार्टी की तरफ से सवीरा लड़ रही है चुनाव?
सवीरा पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत के बुनेर (Buner) जिले से सामान्य सीट पर चुनाव लड़ रही है। सवीरा को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People's Party - PPP) की तरफ से चुनावी टिकट मिला है।
पिता की विरासत को बढ़ा रही है आगे
सवीरा के पिता ओमप्रकाश भी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सदस्य रह चुके है। ऐसे में सवीरा अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रही है। सवीरा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी में महिला विंग की महासचिव के रूप में कार्यरत है और इस पद पर काम करते हुए सवीरा ने अपने समुदाय के कल्याण के लिए काम करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है।
महिलाओं और हिंदुओं की सेवा है सबसे बड़ा लक्ष्य
चुनाव जीतने के बाद सवीरा का सबसे बड़ा लक्ष्य स्थानीय महिलाओं और पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों की सेवा करना और उनकी समस्याओं का निवारण करना है। इतना ही नहीं, सवीरा पाकिस्तान में अस्पतालों की लचर व्यवस्था को भी सुधारना चाहती है।
भारत-पाकिस्तान के संबंधों में चाहती है सुधार
सवीरा खुद के हिंदू होने पर गर्व महसूस करती है। सवीरा चाहती है कि भारत और पाकिस्तान के संबंधों में सुधार हो और अगर वह जीतती है तो दोनों देशों के संबंधों के बीच संबंधों में सुधार के लिए हर ज़रूरी काम करने के लिए तैयार है।
Published on:
06 Feb 2024 04:14 pm
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