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फ्रांस के राजदूत ने छोड़ा नाइजर, दोनों देशों के बीच टेंशन के चलते लिया गया फैसला

France-Niger Tension: फ्रांस और नाइजर के बीच चल रही टेंशन के बीच फ्रांस ने बड़ा फैसला लिया है और उस फैसले पर एक्शन भी। क्या है फ्रांस का बड़ा फैसला? आइए जानते हैं।

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Sylvain Itté

पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर (Niger) में 26 जुलाई को सेना ने राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम (Mohamed Bazoum) को सत्ता से हटाकर गिरफ्तार कर लिया था और तख्तापलट करते हुए सत्ता पर कब्ज़ा कर लिया था। तख्तापलट के बाद से ही नाइजर की स्थिति पूरी तरह से बदल गई। नाइजर में तख्तापलट को करीब दो महीने हो गए हैं। पर देश की स्थित के चलते फ्रांस (France) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने एक बड़ा फैसला लिया है और नाइजर से फ्रेंच राजदूत सिल्वेन इत्ते (Sylvain Itté) को नाइजर से बाहर निकाल लिया है।


बुधवार सुबह छोड़ा देश

नाइजर में फ्रेंच राजदूत सिल्वेन इत्ते ने बुधवार की सुबह देश छोड़ दिया। नाइजर की राजधानी नियामे (Niamey) को छोड़कर जल्द सुबह ही इत्ते फ्रांस के लिए निकल गए।


क्यों छोड़ना पड़ा देश?

दरअसल नाइजर की सेना का काफी समय से यह मानना है कि फ्रांस लंबे समय से उनके देश के मामलों में हस्तक्षेप करता आया है। ऐसे में सत्ता में आते ही नाइजर की सेना ने यह तय कर लिया कि अब नाइजर के मामलों में फ़्रांस की दखलअंदाज़ी नहीं चलेगी। इससे दोनों देशों के संबंध खराब हो गए और इसी के चलते फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने नाइजर से राजदूत को हटाने का फैसला लिया और इस पर एक्शन भी ले लिया।

सेना की भी होगी फ्रांस वापसी

फ्रांस और नाइजर के खराब संबंधों के चलते फ्रेंच सेना को भी नाइजर से निकला जाएगा। साल के अंत तक फ्रांस के सैनिक नाइजर छोड़ देंगे।

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