
Hiroshima Nagasaki :पांच मिनट में जानिए दुनिया के पहले परमाणु हमले की पूरी कहानी
जयपुर. दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जर्मनी और दूसरे राष्ट्रों ने मित्र देशों के आगे समर्पण कर दिया, लेकिन जापान ने सरेंडर करने से इनकार कर दिया और मित्र देशों की सेना को नुकसान पहुंचाता रहा। आखिर अमरीका ने जापान के दो शहरों पर परमाणु हमला कर दिया। लाखों लोगों की मौत के बाद सम्राट हिरोहितो ने युद्ध विराम की घोषणा कर दी। सिलसिलेवार जानिए कैसे अमरीका ने दुनिया के पहले परमाणु विध्वंस का खाका तैयार किया।
1. आइडिया: अल्बर्ट आइंस्टाइन ने 1939 में पत्र लिख कर अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रेंकलिन डी. रूजवेल्ट को नाभिकीय संलयन की विनाशकारी ताकत के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, इससे कैसे शक्तिशाली बम बनाया जा सकता है। जर्मन रसायन विज्ञानी ऑटो हान ने इसकी खोज की थी।
2. पर्ल हार्बर : द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 7 दिसंबर 1941 को जापान के सैकड़ों युद्धक विमानों ने पर्ल हार्बर में मौजूद अमेरिकी बेस का ज्यादातर हिस्सा तबाह कर दिया। इस हमले में हजारों सैनिकों की मौत हुई। हमले से तिलमिलाया अमरीका अगले ही दिन अमेरिका विश्वयुद्ध में उतर गया।
3. मैनहटन प्रॉजेक्ट : अगस्त 1942 में अमेरिका ने आधिकारिक रूप से परमाणु बम बनाने के लिए एक बेहद खुफिया कार्यक्रम का फैसला लिया। इस प्रोजेक्ट का नाम बाद में मैनहटन प्रोजेक्ट रखा गया। इसके लिए राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने 2 अरब डॉलर का बजट दिया।
4. लैब में काम शुरू : इसी वर्ष न्यू मेक्सिको के लॉस अलामोस की एक खुफिया लैब में बम बनाने का काम शुरू हुआ। इस प्रोजेक्ट के लिए अमरीका, ब्रिटेन और कनाडा के शीर्ष भौतिक विज्ञानियों की टीम गठित की गई। साथ ही हजारों ऐसे लोग भी इस काम में जुटे जो नाजी शासन से भाग कर आए थे।
5. जापान पर बमबारी : 9-10 मार्च 1945 को अमरीका के लड़ाकू विमानों ने जापान में टोक्यो और दूसरे शहरों पर भारी बमबारी की। इस भीषण बमबारी में केवल टोक्यो में ही करीब एक लाख लोगों की की मौत हो गई।
6. ओकिनावा की लड़ाई : 26 मार्च को ओकिनावा की लड़ाई शुरू हुई। अगले तीन महीने में इस लड़ाई में एक लाख से ज्यादा जापानी सैनिकों और इतनी ही संख्या में आम लोगों की जान गई। 12 हजार अमरीकी सैनिक भी मारे गए। इसके बाद अमरीका में परमाणु हमले का विचार तेज हुआ।
7. हैरी ट्रूमैन का आना : 12 अप्रैल को रूजवेल्ट की मौत के बाद हैरी ट्रूमैन अमरीका के राष्ट्रपति बने। अब तक बेहद खुफिया रहे मैनहटन प्रोजेक्ट के बारे में उन्हें जानकारी मिली।
8. जर्मनी का समर्पण : 8 मई को जर्मनी ने समर्पण कर दिया और इसके साथ ही दूसरे विश्वयुद्ध में यूरोप की लड़ाई खत्म हो गई। हालांकि इसके बाद भी एशिया और प्रशांत के क्षेत्र में युद्ध अभी जोरों पर चल रहा था।
9. टिनियन द्वीप को चुना : मई और जुलाई के बीच परमाणु बम के हिस्से टिनियान लाए गए। यह मारियाना चेन में वो द्वीप था जहां से बी-29 बॉम्बर विमान जापान पहुंच सकता था।
10. पहला परमाणु परीक्षण : 16 जुलाई को न्यू मेक्सिको के अलामोगोर्दो के पास सुबह 5.30 बजे अमरीका ने दुनिया का पहला परमाणु परीक्षण किया। इस परीक्षण के साथ परमाणु युग की शुरुआत हो गई।
11. बम गिराने को मंजूरी : ‘ट्रिनिटी टेस्ट’ यानी परमाणु परीक्षण सफल होने के बाद 25 जुलाई को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रूमैन ने जापान पर परमाणु बम गिराने के मिशन को मंजूरी दे दी।
12. पहले चेतावनी : 26 जुलाई को ब्रिटेन, चीन और अमेरिका ने जापान को चेतावनी दी कि वो या तो समर्पण करे या फिर पूर्ण विनाश का सामना करे। जापान ने इस चेतावनी को अनदेखा कर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
13. हिरोशिमा पर बम : 6 अगस्त को सुबह 8.15 बजे अमरीकी बॉम्बर ‘इनोला गे’ ने 9000 पाउंड का परमाणु बम ‘लिटिन बॉय’ हिरोशिमा पर गिराया। दिसंबर तक 1लाख 40 हजार लोगों की मौत हो गई। ट्रूमैन ने और विनाश की चेतावनी दी।
14. फिर नागासाकी : 9 अगस्त को सुबह 11.02 बजे अमरीका ने दूसरा परमाणु बम ‘फैटमैन’ जापान के नागासाकी पर गिराया। परमाणु बम के इस हमले में 74000 लोगों की जान चली गई।
15. जापान का समर्पण : 15 अगस्त को जापान के सम्राट हिरोहितो ने हार मान ली और आत्मसमर्पण कर दिया। हालांकि इसके बाद भी वो देश के सम्राट बने रहे और युद्ध के बाद देश के पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाई।
चार वर्ष बाद रूस का हमला
हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरने के चार वर्ष बाद 29 अगस्त 1949 को रूस ने अपने परमाणु बम का कजाखस्तान में परीक्षण किया और परमाणु बम रखने वाला दूसरा देश बन गया। विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में उसने जापान पर हमला किया और उसके कई इलाकों पर कब्जा कर लिया। कुरील द्वीप उनमें से एक था।
Updated on:
06 Aug 2020 03:53 pm
Published on:
06 Aug 2020 03:17 pm
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