
Israel Gaza War and Reuven Azar
Gaza Conflict: इज़राइल के राजदूत (Israel ambassador) रूवेन अजार ने बंधकों को रिहा न करने के फ़ैसले का हवाला देते हुए कहा कि हमास शांति नहीं चाहता। "हमास ने बार-बार अमेरिकी मध्यस्थ के प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया है। यह बंधकों को रिहा करने से साफ़ इनकार करता है। अब इज़राइल के पास सैन्य दबाव का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।"रूवेन अजार (Reuven Azar) ने कहा कि ग़ाज़ा (Gaza conflict) में हमास से मुक्त होने तक सैन्य अभियान जारी रहेगा। इज़राइल और हमास के बीच 42 दिन का अस्थायी युद्ध विराम समझौता अब खत्म हो चुका है और हमास की ओर से अपहृत बंधकों को रिहा करने के अपने वादे से मुकर गया है। अजार ने कहा कि यह समझौते का उल्लंघन है और इसलिए इज़राइल के पास सैन्य दबाव (Military pressure) का सहारा लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।
अजार ने कहा कि "अगर हमास सहमत हो और इसके लिए निर्धारित शर्तों का पालन करे तो आज शांति हो सकती है।" उन्होंने उन्होंने बंधकों को रिहा न करने के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि दो मुख्य शर्तों में सभी शेष बंधकों को रिहा करना और इज़राइल पर आतंकवादी हमले करने के लिए खुद को कभी हथियारबंद नहीं करना शामिल है, लेकिन हमास शांति नहीं चाहता है। "सैन्य दबाव प्रभावी है और काम करता है," उन्होंने आगे कहा कि "सैन्य दबाव के कारण ही 254 बंधकों में से 195 को रिहा किया गया है।
उन्होंने कहा, अमेरिका ने ग़ाज़ा से किसी भी आतंकवादी तत्व को खदेड़ने, यहूदियों और फिलिस्तीनियों दोनों के लिए इस क्षेत्र में स्थायी शांति लाने के इज़राइल के प्रयासों में "पूरी तरह से समर्थन" किया है। उन्होंने कहा कि इज़राइल किसी भी कीमत पर वांछित परिणाम के लिए अपने प्रयासों को जारी रखेगा। यदि कूटनीतिक रूप से कोई समाधान नहीं निकलता है, तो हम इसे सैन्य रूप से प्राप्त करेंगे।"
इज़राइल के राजदूत ने वैश्विक स्तर पर निंदा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, "निंदा करने से तथ्य नहीं बदलते। और तथ्य यह है कि ग़ाज़ा पट्टी में एक आतंकवादी संगठन है, जो बंधकों को बंदी बनाए हुए है। वे जिन बंधकों को बंदी बनाए हुए हैं, वे केवल इज़राइल के लोग नहीं हैं, बल्कि वे अपने कुकर्मों के कारण पूरी फिलिस्तीनी आबादी को बंधक बनाए हुए हैं।"
उन्होंने तेल अवीव के इरादों को स्पष्ट करते हुए कहा, "हमास भेजी जा रही सहायता पर नियंत्रण कर रहा है और बदले में उसे फिलिस्तीनी लोगों को बेच रहा है। वे इज़राइल को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करने की उम्मीद में लोगों से जबरन वसूली करने की कोशिश कर रहे हैं। यह बिल्कुल नहीं होने वाला है। यह हास्यास्पद है ।"
उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय इज़राइल की निंदा करने के बजाय हमास पर दबाव बनाए और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करे। उन्हें हमास के शीर्ष अधिकारियों को ग़ाज़ा से बाहर निकाल कर कूटनीतिक तरीके से ऐसा करना चाहिए और एक नए और उदारवादी फिलिस्तीनी नेतृत्व को प्रोत्साहित कर के फिलिस्तीनी लोगों को उम्मीद देनी चाहिए , जो गाजा को फिर से स्थापित करने और उसके लोगों के बेहतर भविष्य के लिए पुनर्निर्माण करने की अनुमति देगा। ऐसी शांति ही आम हित की चीज है।"
उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय समुदाय का कोई भी व्यक्ति जो कहता है कि सैन्य दबाव का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, वह मूल रूप से यह चाहता है कि इज़राइल एक आतंकवादी संगठन के सामने आत्मसमर्पण कर दे, जो हमेशा के लिए गाजा पर अपनी पकड़ बनाए रखेगा। यह स्वीकार्य नहीं हो सकता। "
राजदूत ने कहा कि "हमास को यह समझना होगा कि ग़ाज़ा पट्टी पर उसका नियंत्रण खत्म हो चुका है। उन्हें किसी भी कीमत पर सत्ता छोड़नी होगी। इज़राइल उन्हें शांतिपूर्वक ग़ाज़ा को हमेशा के लिए छोड़ने की अनुमति देगा, ताकि फिलिस्तीनी लोगों को बेहतर भविष्य का मौका मिल सके।"
अजार ने कहा "इज़राइल को कूटनीति और बातचीत करना पसंद है। हम विकल्प दो का सहारा तभी लेंगे जब हमास सहयोग करने से इनकार कर देगा।" इज़राइल के राजदूत ने यह कहते हुए निष्कर्ष निकाला कि "रमज़ान के इस पवित्र महीने में, रोज़ 75,000 से अधिक मुसलमान इज़राइल के पवित्र शहर यरुशलम में नमाज़ पढने आते हैं। हमने हमेशा धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन किया है। हम आतंकवादियों के पीछे हैं।"
Published on:
19 Mar 2025 07:37 pm
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