
Palestinians leaving Gaza City (Photo - Washington Post)
Gaza-Israel Conflict: इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष (Gaza Israel Conflict) ने फिर से भयावह रूप ले लिया है। गाजा पट्टी में पिछले 24 घंटों के दौरान इज़राइली हमलों में (Israel Gaza Attacks) कम से कम 50 फिलिस्तीनियों की जान चली गई (Palestine Casualties), जिनमें पांच सहायता मांगने वाले लोग भी शामिल हैं। अलजजीरा ने गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक बताया कि हमले में 184 लोग जख्मी हुए हैं। ये हमले गाजा सिटी के कई इलाकों में हुए, जहां टैंक्स आगे बढ़े और भारी गोलाबारी की गई। यह हिंसा अमेरिकी युद्धविराम प्रस्ताव के ठीक बाद भड़की है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू(East Jerusalem Tensions) जल्द ही व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे। इस मुलाकात का मकसद युद्ध रोकने के प्रयासों पर चर्चा करना है। लेकिन फिलहाल, गाजा में हालात बदतर हो रहे हैं। हाल की रिपोर्ट्स बताती हैं कि इज़राइली सेना ने गाजा सिटी के कई मोहल्लों में घुसपैठ की, जहां हवाई हमले और तोपों की गोलियां चलाई गईं। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
गाजा के अलावा, कब्जे वाले पश्चिमी तट पर भी इज़राइल की नीतियां ईसाई समुदाय को निशाना बना रही हैं। पूर्वी येरुशलम में ईसाई संगठनों पर नए टैक्स लगाने की कोशिश से चर्चों में गुस्सा भड़क गया है। ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पैट्रिआर्केट के बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए, जबकि अर्मेनियाई पैट्रिआर्केट को कानूनी धमकियां मिल रही हैं। यह सब कुछ एक सुनियोजित प्लान का हिस्सा लगता है, जो ईसाइयों की जड़ें कमजोर करने पर तुला हुआ है।
रामल्लाह की राजनीतिक विश्लेषक शिरीन साल्टी ने कहा कि यह टैक्स विवाद संपत्ति हड़पने की शुरुआत है। उनका मानना है कि इज़राइल पवित्र भूमि से ईसाइयों को धीरे-धीरे बेदखल करना चाहता है। "यह अलग-थलग घटनाएं नहीं, बल्कि व्यवस्थित नीति का हिस्सा हैं," उन्होंने अल जजीरा को बताया। साल्टी ने जोर देकर कहा कि सरकार की समिति बनी होने के बावजूद, इज़राइली अधिकारी बातचीत से बच रहे हैं।
साल्टी ने नेतन्याहू के संयुक्त राष्ट्र वाले बयान पर तंज कसा, जहां उन्होंने कहा था कि इज़राइल ईसाई अल्पसंख्यकों की रक्षा करता है। "यह पूरी तरह झूठ है," उन्होंने कहा। "इज़राइल ही ईसाइयों के पलायन का सबसे बड़ा कारण है।" पश्चिमी तट पर सेटलमेंट्स का विस्तार और हिंसा से मुस्लिम और ईसाई दोनों समुदाय तबाह हो रहे हैं। हाल की रिपोर्ट्स में सेटलर्स द्वारा ईसाई रेसिडेंट्स पर हमले भी दर्ज हुए हैं।
यह सब इज़राइल की जातीय सफाई और रंगभेदी नीतियों का नतीजा है। भूमि पर कब्जे की होड़ से पश्चिमी तट बदल रहा है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि इज़राइल गाजा पर स्थायी कंट्रोल और वेस्ट बैंक में ज्यूइश बहुमत चाहता है। ट्रम्प ने अरब नेताओं से वादा किया कि वे वेस्ट बैंक एनेक्सेशन नहीं होने देंगे। लेकिन फिलहाल, फिलिस्तीनियों का दर्द बढ़ता जा रहा है।
बहरहाल गाजा और वेस्ट बैंक की ये घटनाएं इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष की जटिलता दिखाती हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। अगर आप इज़राइल ईसाई उत्पीड़न या गाजा युद्ध अपडेट की तलाश में हैं, तो आधिकारिक स्रोतों पर नजर रखें। शांति की उम्मीद बाकी है, लेकिन समय तेजी से निकल रहा है।
Updated on:
29 Sept 2025 06:00 pm
Published on:
29 Sept 2025 05:59 pm
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