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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक में कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई है। काउंसिल ने जीएसटी के तहत किसी मामले में आपराधिक कार्रवाई शुरू करने के लिए कर चोरी की सीमा एक करोड़ रुपए से बढ़ाकर दो करोड़ रुपए की है। हालांकि, बिना वस्तु या सेवा या दोनों की आपूर्ति किए बगैर फर्जी बिल जारी करने की स्थिति में यह सीमा एक करोड़ रुपए की ही होगी। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि काउंसिल ने जीएसटी से जुड़े कुछ मामलों को आपराधिक मुकद्मा की श्रेणी से हटाने की भी सिफारिश की है। लेकिन इनके उल्लंघन पर सिविल मुकद्मा अब भी किया जा सकेगा। ये मामले इस प्रकार हैं:
1. किसी अधिकारी के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना या रोकना।
2. महत्त्वपूर्ण साक्ष्य को जानबूझकर विकृत करना गैर अपराध।
3. सूचना प्रदान करने में विफलता भी अपराध की श्रेणी में नहीं।
आम आदमी के लिए राहत भरे रहे सभी फैसले
गौर करने की बात ये है कि जीएसटी काउंसिल में सभी फैसले राहत भरे लिए गए। वित्त मंत्री ने बताया कि किसी भी वस्तु पर नया जीएसटी नहीं लगाया गया है। काउंसिल की बैठक में तंबाकू, गुटखा पर टैक्स को लेकर चर्चा नहीं हो सकी। ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स का मुद्दा भी लंबित रहा।
जीएसटी एक्सपर्ट एडवोकेट जतिन हरजाई की नजर में इस मीटिंग का सबसे बड़ा फैसला मिसमैच को लेकर रहा। अब सरकार ने घोषणा की है कि मिसमैच के नोटिसों के लिए स्पष्ट प्रक्रिया घोषित की जाएगी। जतिन के अनुसार, लंबे समय बाद जीएसटी काउंसिल ने कारोबारियों और टैक्स प्रोफेशनल्स के लिए राहतभरे फैसलों का ऐलान किया हैं। आइए जानते हैं क्या रहे जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक के मुख्य फैसले।
यहां खत्म की असंगति
1. मिसमैच के नोटिसः जीएसटी में कारोबारियों को 2ए और 3बी के मिसमैच के नोटिस सबसे अधिक आते हैं। जिसका कारण अधिकारियों द्वारा मनमाना तरीके से नोटिस जारी करना है। लेकिन अब सरकार मिसमैच के नोटिसों के लिए पूरी एक प्रक्रिया को डिफाइन करेगी, उन्हीं मामलों में नोटिस जारी किए जा सकेंगे।
2. जीएसटी मुक्त: दाल चूरी-छिलका अब पूरी तरह से जीएसटी मुक्त।
3. ऑटोमैटिक रिवर्सल: अगर खरीदार ने विक्रेता को छह महीने तक पैसा नहीं दिया तो छह महीने में टैक्स का पूरा रिवर्सल करना होता था। अब ये रिवर्सल भुगतान के अनुपात में ही करना होगा।
4. अब अपंजीकृत व्यक्ति को भी रिफंड मिलने के प्रावधान किए जाएंगे।
यहां आई स्पष्टता
1. एसयूवी पर टैक्सः जीएसटी की नजर में एसयूवी को स्पष्ट किया गया। अगर इंजन क्षमता 1500 सीसी से अधिक है, ग्राउंड क्लीयरेंस 1700 एमएम है तथा लंबाई 4000 एमएम से अधिक है तो 22 प्रतिशत सेस लगेगा। लेकिन इसमें से एक भी पैमाने पर कम होने पर 1500 सीसी से अधिक के वाहन पर 20 प्रतिशत सेस ही लगेगा। 1500 से कम सीसी के वाहनों पर 15 प्रतिशत सेस लगेगा।
2. निजी मकान पर जीएसटी नहीं: निजी उपयोग के लिए मकान किराए पर लेने पर रजिस्टर्ड व्यक्ति पर रिवर्स जीएसटी नहीं लगेगा।
3. कंपाउंडिंग में राहत - कर चोरी के ऐसे मामलों में जहां करदाता की गिरफ्तारी हो सकती थी, उनमें कपांउडिंग की राशि में कमी की गई है। इसमें करचोरी की राशि का न्यूनतम 50 प्रतिशत और अधिकतम 150 प्रतिशत राशि के जुर्माना के बाद गिरफ्तारी से राहत का प्रावधान था। इसको अब न्यूनतम 25 प्रतिशत और अधिकतम 100 प्रतिशत किया गया है।
Published on:
18 Dec 2022 12:26 am
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