
Hamas blames Israel for ceasefire violation
इज़रायल (Israel) और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास (Hamas) के बीच 7 अक्टूबर, 2023 को युद्ध शुरू हुआ था। हमास ने इस युद्ध को शुरू किया था, तो इज़रायली सेना की जवाबी कार्रवाई से गाज़ा (Gaza) और आसपास के फिलिस्तीनी इलाकों में तबाही मच गई थी। हालांकि बड़ी कोशिशों के बाद 19 जनवरी, 2025 को दोनों पक्षों के आपसी समझौते के बाद युद्ध-विराम लागू हुआ था। समझौते के तहत दोनों पक्षों के बीच सीज़फायर (Ceasefire) की भी शुरुआत हुई। दोनों पक्षों के बीच अब तक सीज़फायर सही से चल रहा था। हमास की तरफ से बंधकों की रिहाई हो रही थी, तो इज़रायल भी फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ रहा था। लेकिन अब इस मामले में एक बड़ा मोड़ आ गया है।
हमास ने सोमवार को इज़रायल पर एक बड़ा आरोप लगाया है। हमास का कहना है कि इज़रायल ने दोनों पक्षों के बीच हुए सीज़फायर का उल्लंघन किया है, जो युद्ध-विराम के समझौते की मुख्य शर्त थी। हमास के अनुसार सीज़फायर के बावजूद इज़रायली सेना ने कुछ फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या की है, जो बिल्कुल सही नहीं है। इतना ही नहीं, हमास का कहना है कि इज़रायल गाज़ा स्ट्रिप में मानवीय सहायता को भी पहुंचने से रोक रहा है और साथ ही उत्तरी गाज़ा में लोगों के अपने घर पहुंचने में देरी का भी कारण बन रहा है।
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इज़रायल पर सीज़फायर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए हमास ने बंधकों की रिहाई पर भी रोक लगा दी है। शनिवार को बंधकों की रिहाई होनी थी, पर अब हमास के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि ऐसा नहीं होगा और बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया पर तब तक रोक लगी रहेगी, जब तक इज़रायल सही से सीज़फायर समझौते का पालन नहीं करता। इतना ही नहीं, हमास के प्रवक्ता ने यह भी कहा है कि इज़रायल को पिछले कुछ हफ्तों की भी भरपाई करनी होगी।
Updated on:
11 Feb 2025 11:44 am
Published on:
11 Feb 2025 11:43 am
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