
Hardeep Singh Nijjar
खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Khalistani Terrorist Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के मामले में कनाडा (Canada) की अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कनाडाई अदालत ने इस मामले में चारों आरोपियों को जमानत दे दी है। करण बरार (Karan Brar), करणप्रीत सिंह (Karanpreet Singh), कमलप्रीत सिंह (Kamalpreet Singh) और अमनदीप सिंह (Amandeep Singh) नाम के चार भारतीय युवकों पर कनाडा में खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या करने का आरोप लगाया गया था, लेकिन अब इन चारों को जमानत दे दी गई है। इन चारों पर ही फर्स्ट डिग्री मर्डर के साथ ही मर्डर की साजिश का भी आरोप है।
हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड मामले (Hardeep Singh Nijjar Murder Case) में आरोपी करण, करणप्रीत, कमलप्रीत और अमनदीप को आरोप लगाने के बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि अब जमानत मिलने के साथ ही चारों आरोपी जेल से बाहर आ गए हैं। चारों को पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था।
कनाडाई अदालत ने निज्जर हत्याकांड में चारों आरोपियों को जमानत देने की वजह भी बताई है। रिपोर्ट के अनुसार करण, करणप्रीत, कमलप्रीत और अमनदीप को गवाहों और सबूतों के अभाव में जमानत दी गई। मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस अदालत में मौजूद नहीं थी।
निज्जर हत्याकांड में चारों आरोपियों को जमानत तो दे दी गई है, लेकिन यह मामला अभी बंद नहीं हुआ है। इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होगी।
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जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने निज्जर हत्याकांड मामले में संसद में खड़े होकर भारत सरकार पर इस साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था। पुलिस ने भी इस मामले में सरकार के कहे अनुसार काम किया। भारत सरकार ने कनाडाई सरकार के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था। ऐसे में अब ट्रूडो के इस्तीफे के दो दिन बाद ही इस मामले में चारों आरोपियों को जमानत मिलना कनाडा सरकार और पुलिस के लिए बड़ा झटका है।
खालिस्तानी आतंकी निज्जर की 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। निज्जर को भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया हुआ था। हालांकि कनाडा सरकार की तरफ से निज्जर को संरक्षण मिला हुआ था और उसे आतंकी भी नहीं माना जाता था। निज्जर की हत्या के मामले में ट्रूडो के साथ ही उनके कई मंत्रियों ने भी भारत सरकार पर आरोप लगाया था। इस मामले में ट्रूडो ने कई मौकों पर भारत सरकार और खुफिया एजेंसी की भूमिका बताई। भारत सरकार ने कनाडाई सरकार के इस आरोप को बेतुका और बेबुनियाद बताया था। इस वजह से ही दोनों देशों के संबंधों में खटास पड़ी थी।
Updated on:
10 Jan 2025 02:07 pm
Published on:
09 Jan 2025 03:52 pm
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