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World War: कैसे लड़ा जाता है विश्व युद्ध, क्या हर देश लेते हैं जंग में हिस्सा, जानिए सब कुछ

World War: ईरान इजरायल युद्ध से अब विश्व युद्ध शुरू होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में डर बैठ गया है कि क्या विश्व युद्ध में उनके देश भी शामिल होंगे, क्या ये युद्ध पूरी दुनिया में लड़ जाएगा, इन सभी सवालों के जवाब हम आपको दे रहे हैं।

World War: बीते 4 सालों से ये दुनिया युद्ध की विभीषिका झेल रही है। रूस-यूक्रेन से शुरू हुआ युद्ध अब पूरे मिडिल ईस्ट को जंग की आग में झोंक रहा है। गाज़ा-इजराय़ल (Israel Hamas War) के बाद अब इजरायल के ईरान, लेबनान में भी जंग छेड़ने की अटकलें लगाई जा रही है। जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो विश्व युद्ध के शुरू होने में थोड़ा भी टाइम नहीं लगेगा। विश्व युद्ध एक ऐसी जंग है जिसमें दुनिया के कई देश शामिल होते हैं, कई राष्ट्रों की सेनाएं युद्ध करती हैं। युद्ध लड़ रहे देशों के समर्थक देश भी युद्ध में उतर जाते हैं। ऐसे में दुनिया के कई सारे देशों की सेनाएं इस विश्व युद्ध में उतर जाती हैं।

कैसे होता है विश्व युद्ध?

वर्ल्ड वार यानी विश्व युद्ध एक ऐसी जंग है जिसमें दुनिया के कई बड़े देशों या राष्ट्रों की सेनाएं शामिल होती हैं। उदाहरण के तौर पर प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) (World War I) और द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) (World War II) के संघर्ष में कई देश शामिल हुए। वर्ल्ड वॉर एक क्षेत्रीय संघर्ष से शुरू होता है, जैसे एक देश दूसरे देश पर हमला करता है। लेकिन दूसरे देश भी किसी ना किसी तरीके से इसमें शामिल हो जाते हैं जिससे ये युद्ध वैश्विक रूप ले लेता है।

उदाहरण के तौर पर इजरायल ने गाज़ा पर हमला किया था, अगर गाज़ा के समर्थक देश इजरायल से लड़ने को आते और इधर इजरायल की मदद के लिए उसके समर्थक देश के सेनाएं मैदाने-ए-जंग में कूद जाती तो ये एक विश्व युद्ध का रुप ले लेता। हालांकि ये परिदृश्य गाज़ा के युद्ध में तो नहीं लेकिन ईरान इजरायल के संभावित युद्ध में देखने को मिल सकता है। दरअसल परिस्थितियां देखते हुए अमेरिका ने अपनी सेना और हथियार इजरायल भेज दिए हैं, अगर ईरान इजरायल पर हमला करता है तो अमेरिका की सेना भी इजरायल की तरफ से ईरान से जंग लड़ेंगी। अगर तब ईरान की मदद के लिए उसके समर्थक देशों की सेना भी जंग में उतरीं तो ये विश्व युद्ध में बदल सकता है। 

क्या दुनिया का हर देश लेता है हिस्सा?

ऐसा नहीं है कि दुनिया का हर देश विश्व युद्ध में हिस्सा लेता है। कई देश दोनों पक्षों से हटकर तटस्थ भी रहते हैं। पहले और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान भी ऐसा हुआ है कि कई देश इन दोनों युद्ध में ना तो शामिल हुए थे ना ही किसी के पक्ष में थे। हालांकि विश्व युद्ध से तटस्थ रहने वालों देशों पर भी व्यापारिक, कूटनीतिक और राजनीतिक प्रभाव पड़ता है। जानकारों का कहना है कि सभी कारकों को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि विश्व युद्ध का प्रभाव हर देश पर पड़ता है, चाहे वो इस वर्ल्ड वॉर में हिस्सा ले या नहीं। 

प्रथम विश्व युद्ध में कौन से देश शामिल (1914-1918)

अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, इटली, सर्बिया, बेल्जियम, जापान पहले विश्व युद्ध में शामिल थे। जबकि इस विश्व युद्ध की केंद्रीय शक्ति जर्मनी, ऑस्ट्रिया, हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य (तुर्की), बुल्गारिया थे। 

द्वितीय विश्व युद्ध में कौन से देश शामिल ((1939-1945)

जर्मनी, इटली, जापान, हंगरी, रोमानिया, बुल्गारिया, ब्रिटेन, अमेरिका, सोवियत संघ, फ्रांस, चीन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, भारत (ब्रिटिश औपनिवेश था, इसलिए), पोलैंड। 

भविष्य में ऐसे युद्ध ना हो इसके लिए द्वितीय युद्ध के बाद ही संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की गई थी। क्योंकि इन युद्धों में लाखों लोख मारे गए थे, देशों के देश खत्म हो गए थे। इसलिए ऐसी तबाही फिर ना हो, इसके लिए संयुक्त राष्ट्र बना था।

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