
जार बोम्बा (आरडीएस-220) का परीक्षण
जयपुर. आज से 75 वर्ष पहले जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए परमाणु बम के जख्म दशकों तक नहीं मिटे। हमला कितना भयावह था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हजारों लोग जो जहां थे, वहीं रह गए। ट्रेन की पटरियां पिघल गई थी। लोगों के जिस्म पर हड्डियां रह गई थी। लेकिन अब परमाणु बम उस वक्त से 3800 गुना ज्यादा शक्तिशाली हो गए हैं। यानी पलक झपकते ही सभ्यता मिट सकती है। जानिए कितने शक्तिशाली हुए परमाणु बम-
1. हिरोशिमा पर गिरा लिटिल बॉय (यूरेनियम)
4400 किलोग्राम वजन
10 फीट लंबाई
2.33 फीट व्यास
ताकत : 15 किलोटन यानी 15 हजार टन टीएनटी के बराबर ऊर्जा उत्सर्जन।
2. नागासाकी पर गिरा फैटमैन (प्लूटोनियम)
4670 किलोग्राम वजन
10.66 फीट लंबाई
05 फीट व्यास
ताकत : 21 किलोटन यानी 21 हजार टन टीएनटी के बराबर तबाही मचाई।
----फैटमैन, लिटिल बॉय से 80 गुना ज्यादा शक्तिशाली था।
और ये है दुनिया का सबसे शक्तिशाली परमाणु बम ‘जार बोम्बा’
शीतयुद्ध के दौरान सोवियत संघ ने 30 अक्टूबर 1961 को आर्कटिक महासागर में नोवाया जेमलिया द्वीप पर अब तक के सबसे शक्तिशाली परमाणु बम जार बोम्बा (आरडीएस-220) का परीक्षण किया। विस्फोट के बाद जार बोम्बा का धुआं आसमान में एक लाख 30 हजार फीट ऊपर तक मशरूम के बादलों की तरह देखा गया, जो माउंट एवरेस्ट से साढ़े चार गुना ऊंचाई के बराबर है।
जार बोम्बा (थर्मोन्यूक्लियर बम) tzar bomba
27 टन वजन
26 फीट लंबाई
7 फीट व्यास
ताकत : 50 मेगा टन यानी लिटिन बॉय से 3800 गुना ज्यादा शक्तिशाली
इतना विध्वंसक
-01 हजार किलोमीटर तक दिखाई दिया परीक्षण विस्फोट
-53 किलोमीटर दूर मानवरहित गांव समतल हो गया
-160 किलोमीटर दूर इमारतें धराशायी हो गई
Published on:
06 Aug 2020 03:47 pm
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