
Right to Disconnect
Right to disconnect: आप कुछ ही देर पहले दफ्तर से निकले हैं और अचानक बॉस का कॉल आता है कि कोई जरूरी काम आ गया है, जल्दी कर दो (Employees Rights in Office), आप क्या कहेंगे- जी सर, घर पहुंच कर कर देता हूं, लेकिन मन ही मन कहेंगे कि मेरी तो शिफ्ट खत्म हो गई थी। क्या बॉस कल तक का इंतजार नहीं कर सकते थे। आप घर पहुंचते हैं और बेमन से लैपटॉप खोल कर बॉस का दिया हुआ काम पूरा करने के लिए बैठ जाते हैं।
यह केवल एक कर्मचारी की कहानी नहीं है, बल्कि हजारों-लाखों कर्मचारियों का यही हाल है, जिन्हें बॉस के कहने पर अपने दफ्तर के घंटों के बाद भी काम करना पड़ता है। उस वक्त आपको यह तो जरूर लगता होगा कि काश मैं मना कर पाता, काश ऐसी कंपनी होती, जहां एचआर ही बॉस से यह कहे कि कामकाजी घंटों के बाद आप कर्मचारियों से काम नहीं करवा सकते।
ऐसा किसी एक कंपनी नहीं, बल्कि एक देश में ऐसा होने जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में एक कानून लागू होने जा रहा है, जहां कर्मचारियों को यह अधिकार मिलेगा कि वे काम के घंटों के बाद बॉस से अधिकारपूर्वक नो कह सकेंगे। इस नए बिल को 'राइट टू डिस्कनेक्ट' नाम दिया गया है। यह बिल हालांकि फरवरी में पास हो चुका है। फोर्ब्स ऑस्ट्रेलिया के मुताबिक यह नया कानून 26 अगस्त 2024 को लागू हो जाएगा। यह कानून लाने का सबसे बड़ा कारण दुनिया में अपने कामकाजी लोगों की भलाई की रक्षा करना है।
इस बिल की दूसरी रीडिंग में ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन्स के नेता एडम बैंड्ट (Adam Bandt) ने अपने बयान में कहा, "बहुत लंबे समय से, काम और जीवन के बीच की सीमाएं धुंधली हो गई हैं, काम से लगातार जुड़ाव आम हो गया है और पूरे देश में कामकाजी लोगों पर दिन-रात हर समय उपलब्ध रहने का दबाव बढ़ रहा है।"
उन्होंने कहा, 'अक्सर कर्मचारियों से उम्मीद की जाती है कि वे ई मेल का जवाब देने, कॉल लेने और हर समय उपलब्ध रहें। फोर्ब्स के अनुसार सीनेट की काम और देखभाल समिति ने इस घटना को 'उपलब्धता में इजाफे' के रूप में बताया है।'
अगर आप कानून की गहराई में जाएंगे तो ऐसी कई स्थितियां हैं, जहां यह कानून लागू नहीं होगा। उदाहरण के तौर पर, ऐसे मामलों में जहां कॉन्टैक्ट कर्मचारी के लिए मुश्किल बढ़ाने वाला नहीं है या जब कर्मचारी को अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए एक्स्ट्रा भुगतान किया जाता हो या कर्मचारी की भूमिका और जिम्मेदारियों के स्तर की प्रकृति अलग हो या ये कुछ ऐसे मामले हैं जहां कानून लागू नहीं होगा। दिलचस्प बात है कि फ्रांस, जर्मनी और ईयू में कई ऐसे देश हैं, जहां ऐसे ही कानून हैं। इन देशों में कर्मचारी काम के घंटों के बाद फोन स्विच ऑफ कर सकते हैं।
Updated on:
24 Aug 2024 05:54 pm
Published on:
24 Aug 2024 04:20 pm
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