
Imran Khan and Shah Mahmood Qureshi
साइफर मामले (Cypher Case) में पाकिस्तान की एक अदालत ने 30 जनवरी को देश के पूर्व पीएम इमरान खान (Imran Khan) को 10 साल की जेल की सज़ा सुनाई है। इतना ही नहीं, इमरान तोशाखाना मामले (Toshakhana Case) में 14 साल और गैर-इस्लामिक शादी (Non-Islamic Unlawful Marriage) के मामले में 7 साल की जेल की सज़ा भी झेल रहे हैं जो उन्हें साइफर मामले में सज़ा के बाद मिली है। तोशाखाना मामले और गैर-इस्लामिक शादी मामले में इमरान के साथ उनकी पत्नी बुशरा बीबी (Bushra Bibi) को भी सज़ा मिली है, पर साइफर मामले में इमरान के साथ उनके करीबी और उनकी सरकार में विदेश मंत्री रहे शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) को भी सज़ा मिली है। कुरैशी को भी 10 साल की जेल की सज़ा दी गई है। अब शाह महमूद को एक और झटका लगा है।
5 साल के लिए चुनाव लड़ने पर लगा बैन
साइफर मामले में दोषी पाए जाने की वजह से पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने शाह महमूद पर चुनाव लड़ने से 5 साल के लिए बैन लगा दिया है।
क्या है साइफर मामला?
साइफर मामला पाकिस्तान के सीक्रेट डेमोक्रेटिक डॉक्यूमेंट्स के लीक होने से जुड़ा है। इमरान और शाह महमूद दोनों पर ही पाकिस्तान के सीक्रेट डेमोक्रेटिक डॉक्यूमेंट्स को लीक करने का आरोप है।
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Published on:
04 Feb 2024 04:28 pm
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