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भारत-जापान ग्रीन पार्टनरशिप से पेरिस समझौते में कैसे आएगी मजबूती, जानिए

India-Japan Green Partnership: भारत और जापान ने पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6.2 के तहत संयुक्त ऋण व्यवस्था (JCM) पर सहमति जताई है।

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भारत

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MI Zahir

Aug 29, 2025

India-Japan Green Partnership

भारत और जापान के बीच संयुक्त ऋण व्यवस्था (JCM) समझौते पर हस्ताक्षर (फोटो:IANS.)

India-Japan Green Partnership: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा (Shigeru Ishiba ) के बीच संवाद से रिश्तों में बनी जुगलबंदी के सबब भारत ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने के अपने संकल्प को और मजबूत करते हुए जापान के साथ मिलकर संयुक्त ऋण व्यवस्था (JCM) पर एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता पेरिस जलवायु समझौते के अनुच्छेद 6.2 के तहत किया गया है और इसे भारत-जापान के ग्रीन पार्टनरशिप विजन (India-Japan Green Partnership) का एक बड़ा हिस्सा माना जा रहा है। पेरिस समझौता (Paris Agreement), वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने का एक बड़ा प्रयास है, जिसमें भारत ने 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए देश को कम कार्बन तकनीक और हरित ऊर्जा में भारी निवेश और सहयोग की ज़रूरत है। यही कारण है कि जापान के साथ किया गया यह समझौता बेहद रणनीतिक और आवश्यक है।

जेसीएम क्या है और यह कैसे करेगा काम ?

संयुक्त ऋण व्यवस्था (Joint Crediting Mechanism - JCM) एक ऐसा ढांचा है जिसके तहत जापान भारत में निम्न-कार्बन परियोजनाओं में निवेश करेगा। यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, क्षमता निर्माण और पर्यावरण अनुकूल मशीनरी के विकास को बढ़ावा देगा। इससे भारत में ऐसे उपकरण और सिस्टम विकसित हो सकेंगे जो स्वदेशी हों और बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जा सकें।

समझौते के लाभ: पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूती

इस समझौते से भारत को दोहरा फायदा मिलेगा, एक ओर यह ग्रीनहाउस गैसों (GHG) को कम करने में मदद करेगा, दूसरी ओर यह स्थायी विकास की दिशा में भी एक अहम कदम होगा। इससे मिलने वाले कार्बन क्रेडिट्स का जापान और अन्य देशों के साथ व्यापार भी संभव होगा, जिससे भारत की जलवायु प्रतिबद्धताएं प्रभावित नहीं होंगी।

नीति स्तर पर आगे की तैयारी

भारत सरकार ने इस समझौते के कार्यान्वयन के लिए जरूरी नियमों और प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, और अन्य संबंधित मंत्रालयों के साथ मिलकर नीति पर काम किया जा रहा है। भविष्य में इसी मॉडल पर अन्य देशों के साथ भी इसी तरह के समझौते किए जाएंगे।

भारत की जलवायु नीति को वैश्विक सहयोग

जापान के साथ हुआ यह समझौता भारत की दीर्घकालिक जलवायु नीति का अहम हिस्सा है। यह न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि तकनीकी और आर्थिक सहयोग से भारत को हरित ऊर्जा की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने का अवसर देगा।