
India Russia Energy Partnership 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बयानों को धता बताते हुए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत यात्रा के दौरान भारत के साथ अपनी दोस्ती पर यह कह कर जोर दिया कि रूस भारत को तेल और गैस सप्लाई (Putin Energy Assurance) करता रहेगा। रूस ने इस घोषणा के साथ भारत के साथ अपनी दीर्घकालिक ऊर्जा साझेदारी की पुष्टि कर दी। पुतिन ने कहा कि रूस भारत के लिए एक भरोसेमंद और स्थिर ऊर्जा आपूर्तिकर्ता (India Russia Energy Partnership 2025) बना रहेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह भी बताया कि दोनों देश ऊर्जा क्षेत्र में पहले से ही सफल साझेदारी देख रहे हैं।
पुतिन ने साफ कहा, "रूस भारत को तेल, गैस, कोयला और ऊर्जा विकास के लिए आवश्यक हर चीज़ देगा। हम भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए ईंधन की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे।" इससे यह बात साफ है कि रूस भारत की ऊर्जा जरूरतें पूरी करने में अहम भूमिका निभाता रहेगा।
पुतिन ने बताया कि रूस और भारत की साझेदारी अब पारंपरिक ईंधन से आगे बढ़ रही है। रूस भारत में बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके अलावा, दोनों देश छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर और तैरते परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने की संभावना तलाश कर रहे हैं। यह तकनीक चिकित्सा, कृषि और अन्य गैर-ऊर्जा क्षेत्रों में भी उपयोगी हो सकती है।
पुतिन ने कहा कि रूस और भारत नए व्यापार मार्ग और लॉजिस्टिक्स नेटवर्क स्थापित करने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं। उनका लक्ष्य हिंद महासागर तक INSTC कॉरिडोर के माध्यम से प्रभावी अंतरराष्ट्रीय परिवहन मार्ग तैयार करना है। यह कदम दोनों देशों के व्यापार और आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा।
पुतिन ने कहा कि रूस भारत के मेक इन इंडिया कार्यक्रम में औद्योगिक उत्पादों का उत्पादन बढ़ाएगा। साथ ही, उद्योग, मशीन निर्माण, डिजिटल तकनीक, अंतरिक्ष अन्वेषण और विज्ञान-प्रधान क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा। इससे दोनों देशों के उच्च तकनीक और औद्योगिक क्षेत्र में सहयोग को नई गति मिलेगी।
पुतिन ने कहा कि रूस और भारत के बीच संबंध केवल आर्थिक या रणनीतिक नहीं हैं। दोनों देशों की संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिक मूल्यों में लंबे समय से गहरी रुचि रही है। युवा और जनता के बीच वैज्ञानिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी लगातार बढ़ रहे हैं।
पुतिन ने बताया कि रूस और भारत स्वतंत्र और आत्मनिर्भर विदेश नीति अपनाते हैं। ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन और अन्य वैश्विक मंचों पर दोनों देश मिलकर एक न्यायसंगत और लोकतांत्रिक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वे संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अंतरराष्ट्रीय कानून के मूल सिद्धांतों की रक्षा करने में भी सक्रिय हैं।
रूस विश्व के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादकों में से एक है। साल 2024 तक रूस लगभग 10.8 मिलियन बैरल तेल प्रतिदिन का उत्पादन करेगा। इसके अलावा, इसमें 1,600 ट्रिलियन क्यूबिक मीटर प्राकृतिक गैस भंडार है। हालांकि पश्चिमी प्रतिबंधों और अमेरिका की ओर से रोसनेफ्ट और लुक ऑयल पर लगाए गए उपायों के बावजूद, पुतिन ने साफ तौर पर यह बात कही कि रूस भारत को तेल और गैस निरंतर सप्लाई करता रहेगा, चाहे वैश्विक दबाव कुछ भी हो।
बहरहाल, भारत और रूस की ऊर्जा साझेदारी 2025 में नई ऊंचाई पर पहुंच रही है। पुतिन की इस घोषणा से यह साफ है कि रूस भारत के लिए विश्वसनीय ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बना रहेगा। वहीं तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा और उच्च तकनीक सहयोग से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
Updated on:
05 Dec 2025 05:38 pm
Published on:
05 Dec 2025 05:37 pm
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