
पुतिन के भारत दौरे व समझौंतों से पाकिस्तान हैरान है। (फोटो: पत्रिका नेटवर्क)
India Russia Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 4-5 दिसंबर 2025 का भारत दौरा कूटनीतिक लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ। पाकिस्तान के मीडिया और सोशल मीडिया पर पुतिन का भारत दौरा (India Russia Relations) छाया हुआ है। पाकिस्तानी मीडिया में भारत और रूस के व्यापारिक रिश्तों में गर्माहट (India Russia Partnership) पर चिंता जताई गई है। पाक मीडिया ने इस दौरे को भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता और वैश्विक संतुलन के दृष्टिकोण से कवर किया है। उधर पाकिस्तान में कई लोग पूछ रहे हैं कि पुतिन अक्सर भारत आते हैं, पर कभी पाकिस्तान नहीं — इस बात को वे अपने देश का ‘नज़रअंदाज़’ करना मान रहे हैं।
एक पाकिस्तानी अखबार के अनुसार यह दौरा मुख्य रूप से रक्षा समझौतों पर केंद्रित रहा, जिसमें एसयू-57 स्टेल्थ फाइटर जेट्स का संयुक्त निर्माण और एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की अतिरिक्त खरीद शामिल थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भारत-रूस का द्विपक्षीय व्यापार 2024-25 में 65 से 68 अरब डॉलर तक पहुंच गया, लेकिन भारतीय निर्यात मात्र 4.88 अरब डॉलर रहा, जिससे पाकिस्तान चिंतित है कि भारत रूस के बाजार में बढ़त बना सकता है।
एक पाकिस्तानी अखबार ने लिखा कि पुतिन भारत में रूसी तेल, मिसाइल और हथियारों की बिक्री बढ़ाने आए, जबकि अमेरिकी दबाव के बावजूद भारत ने रूसी तेल आयात जारी रखा। पाक चैनल ने कहा कि रूस-पाकिस्तान रिश्ते मजबूत हैं, लेकिन भारत की रूस पर हथियारों की निर्भरता (36%) क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकती है।
पाकिस्तानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X/ट्विटर) पर दौरे से जुड़ी पोस्टों ने 20,000 से अधिक इंटरैक्शन हासिल किए। कई यूजर्स ने दौरे को भारत की बढ़ती ताकत और रूस से रणनीतिक साझेदारी के रूप में देखा। एक वायरल पोस्ट में लिखा गया कि "भारत रूस को अपना बना रहा है," जिसे पाकिस्तानी यूजर्स ने चिंता के रूप में देखा।
भारतीय यूजर्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी और गर्व जताया। एक पोस्ट में लिखा गया, "भारत-रूस दोस्ती अटल है," जबकि कुछ पाकिस्तानी यूजर्स ने इस साझेदारी को चुनौती मानते हुए अपनी राय व्यक्त की। सोशल मीडिया पर ईर्ष्या और प्रचार प्रमुख रूप से नजर आया।
गौरतलब है कि भारत ने रूसी हथियारों पर अपनी निर्भरता 76% से घटा कर 36% कर दी है। वहीं, नई डील्स और ऊर्जा समझौते दोनों देशों के रिश्ते मजबूत कर रहे हैं। भारत-रूस व्यापार तेजी से बढ़ रहा है और 2025 तक इसे 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
पुतिन के भारत दौरे के बाद पाकिस्तान को अब रूस से दूरी बनानी पड़ सकती है। हालांकि पाक मीडिया ने इसे भारत के खिलाफ खतरे के रूप में पेश किया, लेकिन तथ्य बताते हैं कि यह दौरा क्षेत्रीय स्थिरता और रणनीतिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन को भारत में देख कर गुस्साए पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने एक्सपर्ट के तौर पर कहा,'हम सीटियां मारते हैं तो भी पुतिन रुकते नहीं और मोदी के साथ वार्ता कर रहे हैं।' उनका कहना है कि पाकिस्तान कर्ज में इतना अधिक डूबा हुआ है तो भला पुतिन पाकिस्तान क्यों आएंगे, क्योंकि हमारी सरकार उनके सामने अपने हालात का रोना रोना ले कर बैठ जाएगी।
बहरहाल, पुतिन का भारत दौरा दोनों देशों की रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले गया है। पाक मीडिया और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं मिश्रित रहीं—जहां एक ओर आलोचना और चिंता थी, वहीं भारत में गर्व और संतोष देखने को मिला। यह दौरा भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता, ऊर्जा, रक्षा और व्यापार सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
Updated on:
05 Dec 2025 07:47 pm
Published on:
05 Dec 2025 07:05 pm
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