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भारत-अमेरिका के बीच 8 जुलाई से पहले हो सकता है व्यापार समझौता

India-USA Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता 8 जुलाई से पहले हो सकता है। इससे दोनों देशों की पहुंच नए बाज़ारों तक खुलेगी।

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भारत

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Tanay Mishra

May 28, 2025

India-US Trade

India-US Trade (Representational Photo)

भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के बीच व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए काफी अहम है। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) भी इसकी अहमियत से अच्छी तरह से वाकिफ हैं। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भी इस विषय में विस्तार से बातचीत हुई थी। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) के भारत दौरे पर भी इस विषय पर चर्चा हुई। कुछ समय पहले अमेरिकी ट्रेड टीम भारत आई थी और हाल ही में भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) भी अमेरिका दौरे पर है थे। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर अब एक नया अपडेट सामने आया है।

8 जुलाई से पहले हो सकता है व्यापार समझौता

जानकारी के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच 8 जुलाई से पहले व्यापार समझौता हो सकता है। भारतीय वित्त मंत्रालय की मंगलवार को जारी की गई मासिक रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 जुलाई से पहले दोनों देशों के बीच अंतरिम व्यापार समझौता होने की उम्मीद है।

दोनों देशों के लिए खुलेगी नए बाज़ारों तक पहुंच

भारत-अमेरिका के बीच सफल बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट अर्थव्यवस्था के जोखिम को कम करते हुए निर्यात को बढ़ावा दे सकता है। इससे भारत और अमेरिका, दोनों देशों की नए बाजारों तक पहुंच खुल सकती है। व्यापार शुल्क पर अनिश्चितता के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में विदेशी निवेश में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है और निजी निवेश भी प्रभावित हो सकता है, क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता और सख्त वित्तीय स्थिति के बीच कंपनियां निवेश में ज्यादा सतर्कता बरत सकती हैं।

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भारतीय रुपया स्थिर

भारतीय वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। देश की मध्यम अवधि की आर्थिक संभावनाएं, नीतियों की स्थिरता और युवा कार्यबल की दक्षता निवेश को बढ़ाने में सहायक होंगी। खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद है। रबी फसल की अच्छी पैदावार और बफर स्टॉक की उपलब्धता इस दिशा में मददगार होंगी। इसके अलावा भारतीय रुपया स्थिर है और देश का विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी बाहरी झटके को सहने में सक्षम है।

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