
अमेरिका में रह रही 60 वर्षीय भारतीय मूल की महिला, बबलजीत "बबली" कौर । ( फोटो: AI Generated)
ICE Detains Indian Woman Long Beach: अमेरिका में रह रहे भारतीय समुदाय के लिए एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आई है। पिछले 30 सालों से अमेरिका में रह रही 60 वर्षीय भारतीय मूल की महिला, बबलजीत "बबली" कौर (Bubblejit Kaur News) को आव्रजन अधिकारियों (Immigration Officers) ने अचानक हिरासत में ले लिया है। सबसे हैरानी की बात यह है कि उनकी गिरफ्तारी तब हुई है, जब वह अपने ग्रीन कार्ड (स्थायी निवास) की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अंतिम दौर के साक्षात्कार और बायोमेट्रिक स्कैन के लिए आव्रजन कार्यालय गई थीं।
बबली कौर की बेटी ज्योति के अनुसार, यह घटना 1 दिसंबर की है। बबली कौर अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (ICE) कार्यालय के फ्रंट डेस्क पर अपनी बारी का इंतजार कर रही थीं। तभी अचानक कई संघीय एजेंट इमारत में दाखिल हुए। अधिकारियों ने कौर को उस कमरे में बुलाया जहां एजेंट मौजूद थे और उन्हें सूचित किया गया कि उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
इस दौरान उन्हें अपने वकील से फोन पर बात करने की थोड़ी मोहलत दी गई, लेकिन उन्हें घर जाने की अनुमति नहीं मिली। परिवार के सदस्यों को कई घंटों तक अंधेरे में रखा गया और यह नहीं बताया गया कि उन्हें कहाँ ले जाया जा रहा है। बाद में पता चला कि उन्हें एडेलेंटो ले जाया गया है, जो पहले एक संघीय जेल थी और अब इसे ICE के हिरासत केंद्र (Detention Center) के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
'लॉन्ग बीच वॉचडॉग' की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरफ्तारी इसलिए भी समझ से परे है, क्योंकि बबली कौर के पास ग्रीन कार्ड प्राप्त करने के लिए सभी जरूरी आधार मौजूद थे। उनकी एक बेटी अमेरिकी नागरिक है और उनके पति के पास पहले से ही ग्रीन कार्ड है। इन आधारों पर उनकी ग्रीन कार्ड याचिका (Petition) भी स्वीकृत हो चुकी थी।
बबली कौर का परिवार 1994 में अमेरिका गया था। पहले वे लगुना बीच में बसे और बाद में काम के सिलसिले में लॉन्ग बीच आ गए। उनके तीन बच्चे हैं—जिनमें से दो अमेरिकी नागरिक हैं और 34 वर्षीय बेटी ज्योति को 'डाका' (DACA - बचपन में आए प्रवासियों के लिए सुरक्षा कानून) के तहत अमेरिका में रहने की कानूनी अनुमति प्राप्त है।
गिरफ्तारी के बाद बबली कौर को जिन हालात में रखा गया है, वे बेहद अमानवीय हैं। उनके परिवार ने बताया कि उन्हें एक बड़े बैरक जैसे कमरे में दर्जनों अन्य बंदियों के साथ रखा गया है। वहां रात भर तेज रोशनी (लाइट्स) जलती रहती है और लगातार शोर होता है, जिससे 60 वर्षीय कौर ठीक से सो भी नहीं पा रही हैं।
बेटी ज्योति ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा, "यह हमारे लिए किसी बुरे सपने जैसा है। हम उन्हें वहां से निकालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। मेरी माँ ऐसी जगह पर रहने की हकदार नहीं हैं, यह पूरी तरह अमानवीय व्यवहार है।" परिवार को उनसे मिलने के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ता है।
बबली कौर और उनके पति ने दो दशकों से अधिक समय तक बेलमोंट शोर में 'नटराज कुज़ीन ऑफ इंडिया एंड नेपाल' नामक एक लोकप्रिय रेस्तरां चलाया। इस भोजनालय को स्थानीय लोग बहुत पसंद करते थे। इसके अलावा, कौर ने लगभग 25 बरसों तक एक मशहूर फार्मेसी चेन 'राइट एड' में भी काम किया। हाल ही में वह दोबारा रेस्तरां के काम में लौटने की तैयारी कर रही थीं।
यह मामला तूल पकड़ने के बाद, लॉन्ग बीच के डेमोक्रेटिक सांसद (Congressman) रॉबर्ट गार्सिया ने बबली कौर की रिहाई की मांग की है। उनके कार्यालय ने पुष्टि की है कि वे संघीय अधिकारियों के संपर्क में हैं। वहीं, कौर का परिवार उन्हें जमानत पर बाहर लाने के लिए कानूनी दस्तावेज तैयार कर रहा है।
Updated on:
16 Dec 2025 09:27 pm
Published on:
16 Dec 2025 09:26 pm
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