Iran-Israel War: अमेरिकी राष्टपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम की घोषणा के कुछ ही घंटे बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए जब ईरान ने कतर स्थित अमेरिका के सबसे बड़े सैन्य बेस अल उदीद एयरबेस पर मिसाइल हमला किया। इस हमले ने कतर में रह रहे आठ लाख से अधिक भारतीय नागरिकों को सीधी युद्ध की जद में ला खड़ा किया है।
कतर की राजधानी दोहा में स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय समुदाय के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है, वर्तमान हालात को देखते हुए भारतीय समुदाय से आग्रह किया जाता है कि वे सतर्क रहें और यथासंभव घर के अंदर ही रहें। कृपया स्थानीय समाचार, प्रशासन की निर्देशों और दूतावास द्वारा सोशल मीडिया पर जारी सूचनाओं का पालन करें। कतर में भारतीय समुदाय सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय है, जो मुख्य रूप से श्रमिक, पेशेवर और उद्यमी वर्ग से संबंधित है।
ईरान द्वारा कतर के अल उदीद एयरबेस पर किए गए मिसाइल हमले ने राजधानी दोहा समेत पूरे देश में रह रहे आठ लाख से अधिक भारतीयों को झकझोर कर रख दिया है। सोमवार देर रात भारतीय मूल के लोगों ने बताया कि जब मिसाइलें गिरीं तो पूरा इलाका कांप उठा।
36 वर्षीय एक भारतीय निवासी, जो केरल के रहने वाले हैं और पिछले एक दशक से दोहा के बिन महमूद इलाके में रह रहे हैं, ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, पहले जोरदार विस्फोट की आवाज आई… चार-पांच धमाके। फिर खिड़कियां कांपने लगीं। उन्होंने कहा कि पहली बार दोहा असुरक्षित महसूस हुआ।
एक अन्य भारतीय निवासी ने बताया कि उनके घर के पास कोई भारी चीज गिरी। उन्होंने कहा, शायद ये मिसाइल के टुकड़े हों। इस घटना की वीडियो क्लिप्स स्थानीय लोगों ने अपने परिवारों को भारत भेजी हैं। एक महिला निवासी ने कहा, हमने कभी ऐसा डर महसूस नहीं किया। अब यहां रहना डरावना हो गया है।
हमले के बाद दोहा में हालात तनावपूर्ण हैं। एक अन्य भारतीय निवासी ने बताया, पिछले कुछ दिनों से लोग जरूरी सामान इकट्ठा कर रहे हैं जैसे कि कोई बड़ा संकट आने वाला हो। सुपरमार्केट में लंबी कतारें लगी हैं। एक अन्य प्रवासी भारतीय ने कहा, हम शांति की उम्मीद कर रहे हैं। कतर हमारा दूसरा घर बन चुका है। सब कुछ छोड़कर जाना आसान नहीं है।
ईरान के सशस्त्र बलों ने बयान में कहा है कि उन्होंने अल उदीद एयरबेस पर मिसाइलें दागीं, जो अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है। अमेरिका ने पहले ही इस संभावित हमले को लेकर आशंका जताई थी। हाल ही में ईरान की परमाणु साइट्स पर अमेरिकी हवाई हमले के बाद हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
ईरान-इजरायल युद्ध के बढ़ते खतरे और ईरान द्वारा स्ट्रेट ऑफ हॉर्मुज़ (Hormuz Strait) को बंद करने की धमकी ने भारत की ऊर्जा रणनीति पर असर डाला है। भारत की तेल जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा इस जलमार्ग से होकर आता है। उद्योग सूत्रों के अनुसार, भारतीय रिफाइनर पहले से ही जोखिम को भांपते हुए रूस, पश्चिम अफ्रीका, अमेरिका और लैटिन अमेरिका जैसे गैर-पश्चिम एशियाई देशों से तेल की खरीद बढ़ा रहे हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को बताया कि भारत पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हरदीप सिंह पुरी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के पास कई सप्ताह की आपूर्ति का भंडार पहले से ही मौजूद है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि भारत पिछले दो सप्ताह से इस उभरती स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।
Updated on:
24 Jun 2025 11:07 am
Published on:
24 Jun 2025 10:57 am