
Iran revenge
Iran-Israel War: ईरान अपनी पूरी ताकत के साथ इज़राइल पर करारा हमला करने के मूड में है। उसने इज़राइल पर मिसाइलें दागने और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की धमकी दी है। ईरान की अर्ध-सरकारी समाचार एजेंसी एसएनएन ने ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर अली फदावी का एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है, जिसमें उन्होंने सख्त रुख अपनाया है। अली फदावी ने कहा कि अगर इज़राइल ने उस पर हमला किया तो तेहरान इज़राइल ( Israel) ऊर्जा और गैस सुविधाओं को निशाना बनाएगा। पासदाराने-इंक़लाब के डिप्टी कमांडर ने कहा, "अगर इज़राइल ऐसी गलती करता है, तो हम उसके सभी ऊर्जा स्रोतों, प्रतिष्ठानों और सभी रिफाइनरियों और गैस क्षेत्रों को निशाना बनाएंगे।" ग़ौरतलब है कि याद रहे कि तेहरान के मिसाइल हमलों के बाद इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू (Netanyahu) ने कहा था कि तेहरान ने बहुत बड़ी गलती की है और अब उसे इसकी कीमत चुकानी होगी।
ईरान के रिवोल्युशनरी गार्ड्स ने एक बयान में कहा कि वह ग़ाज़ा और लेबनान में नागरिकों पर क्रूर हमलों और हमास और हिज़बुल्लाह ( Hezbollah) के वरिष्ठ नेताओं की हत्या के जवाब में इज़राइल पर मिसाइलें दागेगा। ईरान-इज़राइल जंग एक जटिल और लंबे समय से चला आ रहा मुद्दा है, जिसमें राजनीतिक, धार्मिक और भू-राजनीतिक कारक शामिल हैं। इस संघर्ष की जड़ें इस्लामी क्रांति (1979) के बाद की घटनाओं में हैं, जब ईरान ने इज़राइल को अपने दुश्मनों में शामिल कर लिया। दोनों देशों के हालात कुछ यूं समझें:
आधिकारिक स्थिति: ईरान (Iran) ने इज़राइल को एक अवैध राज्य मानते हुए उसके खिलाफ विभिन्न तरीकों से कार्रवाई की है, जिसमें सैन्य समर्थन, भड़काऊ बयान और प्रत्यक्ष सैन्य हमले शामिल हैं।
गैज और लेबनान: ईरान ने हिज़बुल्लाह और हमास जैसे समूहों को समर्थन दिया है, जो इज़राइल के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करते हैं। इससे इज़राइल की सुरक्षा चिंताएँ बढ़ गई हैं।
परमाणु कार्यक्रम: ईरान का परमाणु कार्यक्रम भी संघर्ष का एक महत्वपूर्ण पहलू है। इज़राइल इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानता है और इस पर कड़ी नजर रखता है।
सैन्य टकराव: हाल के वर्षों में, ईरान और इज़राइल के बीच कई मिसाइल हमले और साइबर हमले हुए हैं, जो दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: इस संघर्ष पर वैश्विक शक्तियों की भी नजर है। अमेरिका, रूस, और अन्य देशों के बीच बातचीत इस क्षेत्र की स्थिरता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।
बहरहाल ईरान-इज़राइल जंग एक जटिल मुद्दा है, जिसका समाधान आसान नहीं है। क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीतिक गतिशीलता इस संघर्ष के भविष्य को प्रभावित कर सकती है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव से न केवल मध्य पूर्व, बल्कि वैश्विक स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है।
Updated on:
07 Oct 2024 06:21 pm
Published on:
07 Oct 2024 06:19 pm
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