प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि गोली सुरक्षाकर्मियों की ओर से चली थी, जो सीधे मृतक के सिर में लगी और उसकी मौत हो गई। प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है था कि बंद अंजाली इलाके में ईरानी टीम की हार के जश्न में शामिल होते वक्त 27 वर्षीय मेहरान सामक अपनी गाड़ी का हॉर्न बजाकर सेलिब्रेट कर रहा था, तभी सुरक्षा बलों ने गोली मार कर उसकी हत्या कर दी। वहीं दूसरी तरफ सुरक्षाबलों ने मेहरान की हत्या के आरोप को बेबुनियाद बताया है।
बता दें, मंगलवार रात वर्ल्ड कप के ग्रप-बी के मुकाबले में अमेरिका ने ईरान को 1-0 से हरा दिया। इस हार के साथ ही ईरानी टीम टूर्नामेंट से बाहर हो गई। इसके बाद ईरान में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी देश की फुटबॉल टीम के वर्ल्ड कप से बाहर होने का जश्न मना रहे हैं। दरअसल, पिछले कई महीनों से ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की मौत को लेकर जमकर बवाल हो रहा है। ऐसे में ईरानी फुटबॉल टीम जब फीफा विश्व कप में हिस्सा लेने कतर पहुंची थी तो भी प्रदर्शनकारियों ने इस बात का विरोध किया था।
बहुत से ईरानी नागरिकों का मानना है कि सरकार फुटबॉल में ईरानी टीम को भेजकर दुनिया को यह दिखाना चाहती है कि ईरान में सबकुछ ठीक चल रहा है। वहीं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की सरकारी मीडिया नेशनल फुटबॉल टीम पर गैरजरूरी दबाव बनाने के लिए देश के अंदर और बाहर मौजूद विरोधी ताकतों को जिम्मेदार बता रही है। ईरान के फुटबॉल खिलाड़ियों ने भी देश में प्रदर्शनकारियों के समर्थन में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए अपने पहले मुकाबले से पहले राष्ट्रगान गाने से इनकार कर दिया था।
बता दें, ईरान में महिलाओं के लिए इस्लामिक ड्रेस कोड काफी सख्त है। ईरान के कानून के मुताबिक, महिलाओं के लिए घर से बाहर निकलने के वक्त सिर को हिजाब या स्कार्फ से ढकना जरूरी है। इसका उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान है। इसी ड्रेस कोड के चलते महसा अमीनी को 13 सितंबर को मोरेलिटी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। हिरासत में रहने के दौरान अमीनी की मौत हो गई थी। ईरानी सरकार ने अमीनी की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था।