5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सत्ता से बेदखल होने के बाद ओली ने निकाली भड़ास, कहा- ‘भारत को चुनौती नहीं देते, तो वह सत्ता में बने रहते’

Nepal Protest: नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली ने कहा कि भारत का विरोध करने चलते उनकी सत्ता गई है। उन्होंने जेन-जेड प्रदर्शन को भारत से जोड़कर साजिश करार दिया है। पढ़िए कहां हैं इस वक्त केपी शर्मा ओली...

less than 1 minute read
Google source verification

नेपाल के पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली। (फोटो- IANS)

Nepal Protest: नेपाल में तख्तापलट के बाद केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने भारत विरोधी बयान दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी CPN(UML) के महासचिव को लिखे पत्र में कहा कि अगर लिपुलेख और अयोध्या स्थित राम मंदिर पर सवाल नहीं उठाया होता तो वह पद पर बने रहते। ओली ने कहा कि संवेदनशील मुद्दों पर भारत को चुनौती देने की हिम्मत दिखाई थी। यह उसी का नतीजा है। भारत पर तीखा हमला करने कारण उन्हें सत्ता से बाहर होना पड़ा।

केपी शर्मा ओली ने आगे कहा कि अयोध्या और राम मंदिर की वजह से राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ी है। ओली ने कहा कि मैंने अयोध्या में राम के जन्म का विरोध करने के कारण अपनी सत्ता खो दी। साथ ही, उन्होंने बताया कि वह सेना की सुरक्षा में हैं और शिवपुरी बैरक में हैं।

क्या है भारत-नेपाल के बीच लिपुलेख दर्रा विवाद

लिपुलेख दर्रा विवाद भारत और नेपाल के बीच सीमा विवादों में से एक है। यह दर्रा कलापानी के ईर्द गिर्द घूमता है। काली नदी के उद्गम को लेकर भी दोनों देशों के बीच असहमति है। नेपाल सरकार का कहना है कि यह नदी लिपुलेख के उत्तर पश्चिम में लिपियाधुरा से निकलती है, जिसके कारण कालापानी और लिपुलेख उसके क्षेत्र का हिस्सा है, जबकि भारत का मानना है कि कलापानी नदी का उद्गम स्थल भारत के कालापानी गांव के पास है। यह उत्तराखंड में आता है।

राम मंदिर को लेकर ओली ने क्या कहा था

इससे पहले साल 2020 में केपी शर्मा ओली नेपाल के प्रधानमंत्री थे। तब उन्होंने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया था। ओली ने कहा था कि भगवान राम भारतीय नहीं, नेपाली थे। भगवान राम का राज्य अयोध्या नेपाल में बीरगंज के पश्चिम में स्थित है और भारत ने एक विवादित अयोध्या का निर्माण किया है।