
Israel-Iran
Israel-Iran Ceasefire: अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के शांति प्रस्ताव (Trump peace plan) पर ईरान और इजरायल में Iran-Israel Ceasefire सीजफायर होना दुनिया का बहुत बड़ा घटनाक्रम माना जा रहा है। ईरान व इजरायल में सीजफायर (Israel-Iran Ceasefire) होने से 'सीजफायर' शब्द चर्चा में है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर सीजफायर क्या होता है। सीजफायर एक ऐसा समझौता होता है जिसे दो या दो से अधिक देशों, सेनाओं, या गुटों के बीच युद्ध या संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य युद्ध विराम (Ceasefire) )के बाद शांतिपूर्ण वार्ता की संभावना बढ़ाना या दोनों पक्षों के बीच स्थिति को स्थिर करना होता है। सीजफायर एक अस्थायी समझौता हो सकता है, और यह केवल गोलीबारी या हमलों को रोकता है, जबकि वास्तविक शांति समझौता या स्थायी युद्ध विराम तब तक लागू नहीं होता जब तक कि सभी विवादों का समाधान न हो जाए।
मानवता की दृष्टि से - जहां युद्ध के कारण नागरिकों को भयंकर संकट का सामना करना पड़ता है।
कूटनीतिक कारणों से - जहां देशों के बीच बातचीत या शांति समझौते की संभावना होती है।
ईरान और इजरायल के बीच, खासतौर पर मध्य-पूर्व में तनावपूर्ण रिश्तों के बावजूद, कुछ प्रमुख अवसरों पर सीजफायर की घोषणा की गई है। हालांकि, दोनों देशों के बीच सीजफायर आमतौर पर स्थायी नहीं रहे हैं, और अक्सर संघर्ष के बाद अस्थायी शांति बनाने के लिए किए गए हैं।
इजरायल और ईरान के बीच बिना सीधा युद्ध हुए भी, इजरायल और ईरान के समर्थक समूहों के बीच संघर्ष होता रहता है। 2006 में, इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें ईरान ने हिजबुल्लाह का समर्थन किया था। इस संघर्ष के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा सीजफायर की घोषणा की गई, हालांकि यह सीजफायर इजरायल और ईरान के बीच नहीं था, बल्कि इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच था।
इजरायल और गाजा के बीच कई संघर्षों के बाद सीजफायर की घोषणाएं की गईं। ईरान ने गाजा स्थित फिलिस्तीनी समूहों को समर्थन दिया, और इजरायल ने इन समूहों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की। हालांकि, सीजफायर की घोषणाएं की गईं, लेकिन फिर से दोनों पक्षों के बीच संघर्ष उत्पन्न हो गया।
ईरान द्वारा समर्थित गाजा में स्थित हामास और इजरायल के बीच 2021 में एक भयंकर युद्ध हुआ था, जो 11 दिन चला। युद्ध के बाद एक सीजफायर लागू किया गया, लेकिन यह भी अस्थायी था। हालांकि, इस संघर्ष में इजरायल और ईरान का सीधा मुकाबला नहीं था, लेकिन ईरान ने हामास का समर्थन किया था और इजरायल ने गाजा पर आक्रमण किया।
हाल ही में, 2023 में इजरायल और ईरान के बीच सैन्य तनाव बढ़ा था, और ईरान ने इजरायली सेना के खिलाफ हमले किए थे। इजरायल ने भी इसका जवाब दिया था। लेकिन, इस संघर्ष में सीजफायर का कोई ठोस समझौता नहीं हुआ। फिर भी, दोनों देशों के बीच अमेरिका की मध्यस्थता से सीजफायर का प्रयास किया गया था, जिसमें ट्रंप प्रशासन ने युद्धविराम के प्रस्ताव दिए थे।
इजरायल और ईरान के बीच सबसे बड़ा कारण राजनीतिक और धार्मिक अंतर हैं। इजरायल एक यहूदी राज्य है, जबकि ईरान एक शिया मुस्लिम राज्य है। दोनों देशों के दृष्टिकोण और राजनीतिक आस्थाएँ एक-दूसरे के खिलाफ हैं।
इजरायल का मानना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम उसके लिए खतरा पैदा कर सकता है। ईरान ने कई बार कहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, लेकिन इजरायल इसे खतरे के रूप में देखता है।
इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष केवल सीधे तौर पर नहीं होता। ईरान अपने प्रभावी देशों, जैसे कि हिजबुल्लाह (लेबनान), हामास (गाजा) को सैन्य सहायता और हथियारों की आपूर्ति करता है। इसके जवाब में, इजरायल भी इन गुटों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करता है।
इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष सीरिया और अन्य मध्य-पूर्व देशों में भी फैला हुआ है। ईरान ने सीरिया सरकार का समर्थन किया है, जबकि इजरायल ने सीरिया में ईरान के सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं।
सीजफायर के दौरान, युद्धरत देशों को इस समय का उपयोग वार्ता और कूटनीतिक समाधान के लिए करना चाहिए। जब तक स्थायी शांति समझौते की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक सीजफायर एक अस्थायी समाधान होता है। सीजफायर से नागरिकों को राहत मिलती है और युद्ध के कारण हुए नुकसान को कम किया जा सकता है, लेकिन यह संघर्ष का स्थायी समाधान नहीं है।
ध्यान रहे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पेश किया गया युद्ध विराम प्रस्ताव मानते हुए इजराइल और ईरान जंग समाप्त करने के लिए दोनों देशों ने मंजूरी दे दी है। दोनों देशों ने मिसाइल हमलों के बाद अस्थायी रूप से युद्धविराम पर सहमति जताई। मध्य-पूर्व में 12 दिन से चल रहा यह युद्ध तब शुरू हुआ था जब इजरायल और ईरान ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले किए थे। अब, दोनों देशों के अधिकारियों ने ट्रंप के प्रस्ताव पर सहमति जताई है और एक संघर्ष विराम समझौता लागू करने का निर्णय लिया है। ट्रंप का युद्ध विराम प्रस्ताव तेहरान की ओर से कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर जवाबी सीमित मिसाइल हमला करने के बाद आया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान-इजराइल युद्धविराम के दावे के कुछ घंटों बाद भारत ने मंगलवार को कहा कि वह स्थिति को सुलझाने के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है और आगे बढ़ने के लिए "बातचीत और कूटनीति" पर जोर दिया।
Published on:
24 Jun 2025 09:30 pm
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