Israel Iran War 2025: ईरान और इज़राइल के बीच तनाव अब खुली जंग (Israel Iran War 2025) में तब्दील हो गया है। दोनों ओर से हमले तेज कर दिए गए हैं। इज़राइल की डिफेंस फोर्स (IDF) ने शनिवार को एक बार फिर ईरान (IDF vs Iran) पर बड़े स्तर पर हमले (Iran Missile Attack) शुरू किए। इज़राइल की सेना ने ईरान के नतांज और फोर्डो न्यूक्लियर फैसिलिटी पर लंबी दूरी की गाइडेड मिसाइलों से हमला (Israel Nuclear Strike)किया। इन हमलों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है। टारगेट बने ईरान के कई सैन्य बेस और न्यूक्लियर साइट्स में पश्चिमी ईरान के केरमानशाह स्थित इमाम हसन बेस भी शामिल है। वहां से उठते धुएं और धमाकों की ईरानी समाचार एजेंसियों ने पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक हमलों से संबंधित साइट्स पर रेडिएशन रिस्क को लेकर भी चिंता जताई गई है।
दूसरी तरफ, ईरान ने भी एक नई सैन्य रणनीति अपनाते हुए सीरिया और इराक़ में मौजूद इज़राइली ठिकानों को टारगेट किया है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरानी ड्रोन और मिसाइलों ने गुप्त सैन्य अड्डों को निशाना बनाया, जिनमें से कुछ पर भारी क्षति की पुष्टि हुई है।
इज़राइली हमलों के जवाब में ईरान ने भी आक्रामक रुख अपनाया और दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान ने यह हमला अपने परमाणु ठिकानों पर हुई एयरस्ट्राइक के बदले में किया। इन हमलों में इज़रायली सेना (IDF) के 7 जवान जख्मी हुए हैं।
इज़रायली हमलों में ईरान के तीन परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई है। ये वैज्ञानिक ईरान के संवेदनशील न्यूक्लियर प्रोग्राम का हिस्सा थे। यह हमला ईरान के वैज्ञानिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा झटका माना जा रहा है।
इस गंभीर स्थिति के बीच, ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने ईरानी समकक्ष मोहम्मद जवाद अरागची से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, “रात भर के हमले बहुत चिंताजनक हैं, अब सभी पक्षों को तनाव कम करना चाहिए ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो।”
मध्य पूर्व में हालात बहुत गंभीर होते जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय यूनियन, ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। इज़राइल के भीतर भी सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर यह युद्ध जारी रहा तो यह फुल-स्केल रीजनल वॉर में बदल सकता है।
अब नजर इस बात पर है कि अमेरिका इस स्थिति में किस तरह हस्तक्षेप करता है। व्हाइट हाउस ने इशारा दिया है कि अगर हमला परमाणु सुविधाओं तक सीमित नहीं रहता, तो अमेरिका "डायरेक्ट इन्वॉल्वमेंट" की योजना बना सकता है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) ने नतांज साइट की सुरक्षा रिपोर्ट तलब की है।
बहरहाल इस संघर्ष का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों और क्षेत्रीय व्यापार पर पड़ा है। तेल की कीमतों में भारी उछाल देखा गया है, जिससे वैश्विक बाजारों में चिंता है। ईरान की राजधानी तेहरान और इज़राइल के तेल अवीव में हजारों लोगों ने युद्धविराम की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किए हैं।
Updated on:
14 Jun 2025 08:26 pm
Published on:
14 Jun 2025 08:23 pm