
इज़राइल ने सीरिया और लेबनान पर हमला किया। ( फोटो: ANI.)
Israel-Syria Iran Conflict: इज़राइली सेना (IDF) ने हाल ही में सीरिया और लेबनान में ईरान समर्थित आतंकी नेटवर्क के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Israel Syria Iran Conflict) करते हुए कई ऑपरेशन अंजाम दिए हैं। इन कार्रवाइयों में न सिर्फ ईरान की कुद्स फोर्स से जुड़े आतंकी पकड़े गए हैं, बल्कि हिज़्बुल्लाह जैसे संगठनों से जुड़े बड़े कमांडरों को भी मार गिराया (Hezbollah Commander Killed) गया है। इज़राइली सेना ने जानकारी दी है कि हाल के महीनों में दक्षिणी सीरिया में ईरानी इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) की एक गुप्त इकाई (IRGC Unit 840)की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। यह यूनिट इज़राइल के खिलाफ हमलों (Israel Airstrikes Syria) की योजना बनाने और हथियारों की तस्करी जैसे कार्यों में शामिल थी।
गौरतलब है कि मार्च और अप्रेल महीने में इसी यूनिट से जुड़े दो अहम सदस्य ज़िदान अल-तवील और मुहम्मद अल-कुरयान को सीरिया में गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि कई स्थानीय सीरियाई नागरिक, जिन्हें यूनिट में शामिल किया गया था, उन्हें असली मकसद की जानकारी तक नहीं दी गई थी। अधिकतर को सिर्फ पैसों का लालच देकर शामिल किया गया था।
हाल ही में इज़राइल की ओर से किए गए हवाई हमलों में IRGC के दो और वरिष्ठ सदस्य सलाह अल-हुसैनी और मुहम्मद शुएब मारे गए। ये दोनों जुलाई में लेबनान में इज़राइली ऑपरेशन के दौरान मारे गए। इन पर ईरान से सीरिया, लेबनान और अन्य क्षेत्रों में हथियारों की तस्करी का बड़ा नेटवर्क चलाने का आरोप था। IDF का कहना है कि ये लोग उन "प्रमुख चेहरों" में शामिल थे, जो इज़राइल के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए रणनीति बना रहे थे।
गुरुवार को इज़राइली सेना ने लेबनान में एक अलग ऑपरेशन कर वसीम सईद जबाई को निशाना बनाया। जबाई को इमाम हुसैन डिवीजन का सीनियर सदस्य बताया गया है। यह डिवीजन ईरान की कुद्स फोर्स के अंतर्गत काम करता है और हिज़्बुल्लाह के साथ मिलकर इज़राइल के खिलाफ ऑपरेशन को अंजाम देता है।
IDF के अनुसार, जबाई न सिर्फ हथियारों की खरीद-फरोख्त में सक्रिय था, बल्कि मिसाइल और रॉकेट हमलों की योजना बनाने में भी उसकी अहम भूमिका थी। युद्धविराम के बावजूद, जबाई लगातार लेबनानी ज़मीन से इज़राइल के खिलाफ योजनाएं चला रहा था।
दिसंबर में बशर अल-असद सरकार की स्थिति कमजोर पड़ने के बाद, इज़राइल ने सीरिया के साथ लगी सीमा पर 235 वर्ग किलोमीटर के बफर जोन में अपनी सेना की तैनाती कर दी थी। इज़राइली अधिकारियों का मानना है कि जब तक सीरिया में स्थिरता नहीं आती, तब तक 1974 के युद्धविराम समझौते का कोई महत्व नहीं है।
इज़राइली रक्षा बलों ने साफ कहा है कि वे देश की सुरक्षा के खिलाफ किसी भी खतरे को खत्म करने के लिए आगे भी इस तरह की कार्रवाई करते रहेंगे। आतंकवाद फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे कहीं भी छिपे हों।
(इनपुट क्रेडिट: एएनआई.)
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Published on:
12 Sept 2025 03:57 pm
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