
होम कोरेंटाइन में इटली ने चीन वाली गलती दोहराई
चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि इटली वही गलती दोहरा रहा है, जो चीन ने की थी। सिचुआन विश्वविद्यालय के वेस्ट चाइना अस्पताल में श्वसन विभाग के प्रमुख लियांग जोंग अन का कहना है कि वुहान में प्रकोप की शुरुआत में डॉक्टरों ने एक गलती की थी। यहां चिकित्सकों ने गंभीर रोगियों को तो अस्पताल में भर्ती कर लिया, लेकिन हल्के लक्षण वाले रोगियों को घर में ही खुद को अलग से आइसोलेट करने की सलाह दे दी, ताकि स्वास्थ्य और देखभाल प्रणाली पर दबाव ना बढ़े। इसका अंदाजा नहीं लगाया कि मामूली लक्षण वाले पीडि़तों में वायरस कितनी तेज असर दिखा सकता है।
अब शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जिन रोगियों को मामूली संक्रमण बताकर घर पर अलग रहने के भेजा गया, उन्होंने परिवार और यहां तक कि आसपास के लोगों को भी जोखिम में डाल दिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी आपात बैठक में इस बारे में चिंता जताई है कि लॉकडाउन के बाद भी जिन देशों में संक्रमण फैल रहा है, वह ज्यादातर परिवार के सदस्यों से फैला है। इसलिए सरकारों और मेडिकल टीमों को उनकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए जो परिस्थितिजन्य तरीकों से संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।
इटली दैनिक कोरिएले डेला सेरा ने बताया है कि गत दिनों लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन करने पर पकड़े गए लोगों में 50 पॉजिटिव निकले। ये लोग घरों में रहने की बजाय सडक़ों पर घूम रहे थे। वुहान ने फरवरी से ही कार्यालयों, स्टेडियम और जिम आदि को अस्थाई अस्पतालों में तब्दील कर हल्के लक्षण वाले लोगों को कोरेंटाइन करना शुरू कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि वायरस के प्रसार में तेजी से कमी आई। लियांग की टीम ने इटली को सलाह दी है कि वह हल्के लक्षण वाले रोगियों को घर पर रखने की बजाय चीन की तरह जबरन अलग करे। चीनी के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ता जिओ निंग के अनुसार 80 फीसदी संक्रमण उन लोगों से फैला, जिन्हें घर पर आराम करने के लिए कहा गया था।
इटली ने क्या किया ?
इटली में परिवार वुहान की बजाय ज्यादा बड़े और सघन अपार्टमेंट में रहते हैं। विश्लेषण में सामने आया है कि संक्रमितों को अलग कमरे में आइसोलेट करने के बावजूद पूरा का पूरा परिवार उसकी चपेट में आ गया। शुरुआत में वुहान में चीन सरकार ने भी यही किया, लेकिन बाद में उसने इन्हें अस्पताल में भर्ती करना शुरू कर दिया।
इटली में इतनी मौतें कैसे?
इटली में कोरोना से मरने वालों की अमरीका के बाद सबसे अधिक है, हालांकि अब संक्रमण के मामले कम होने लगे हैं। जैसा सामने आया है कि वायरस बच्चों और बूढ़ों में अधिक प्रभाव छोड़ता है। चूंकि इटली में अधिक उम्र के लोग ज्यादा हैं, लिहाजा पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें घर पर आइसोलेट तो कर दिया, लेकिन बिना देखभाल दम तोड़ दिया।
सुरक्षा प्रणाली बेहतर, सुरक्षा कमजोर
जियो निंग ने इटली की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की तारीफ करते हुए कहा कि सुरक्षात्मक उपायों की कमी से ये हालात पैदा हुए। देश को बंद करने और लोगों को घरों में रोकने के प्रयास बहुत हल्के थे। 22 मार्च से सडक़ों पर पुलिस ने मुस्तैदी दिखाई तो हालात सुधरने लगे।
पश्चिमी देशों के लिए वुहान कौतूहल
अमरीका से लेकर स्पेन तक पश्चिमी देशों के लिए यह कौतूहल है कि जांच किटों की कर्मी, चिकित्सा आपूर्ति की कमी और मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद वुहान ने नियंत्रण कैसे पाया। जबकि इटली में डॉक्टर ही संक्रमित हो रहे हैं। स्पेन जैसे देश वेंटीलेटर की कमी से जूझ रहे स्पेन को संक्रमितों का जीवन बचाने के लिए चुनना पड़ा। लेकिन अब पूरी दुनिया में वैज्ञानिक वायरस का तोड़ निकालने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, जो अच्छा संकेत है।
Updated on:
20 Apr 2020 08:47 am
Published on:
19 Apr 2020 06:43 pm
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