
SCO Summit.
SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन का मेजबान देश कजाकिस्तान भारत और पाकिस्तान में संबंध मधुर करने के लिए पहल करना चाहता है। वह इस सम्मेलन के बहाने दोनों देशों में संवाद का सिलसिला शुरू करवाना चाहता है,इसीलिए उसने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को सम्मेलन में शिरकत करने का आमंत्रण दिया है।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन ( SCO Summit) के मेजबान देश कजाकिस्तान ने कहा है कि हमने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को बुलाया है,हम मान कर चलते हैं कि मोदी और शहबाज 3 और 4 जुलाई को कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में होने वाले सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
यह दीगर बात है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में शिरकत करने से पहले ही इनकार कर चुके हैं। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर के भाग लेने की संभावना है। जयशंकर मोदी के विश्वास पात्र मंत्रियों में से हैं और वे दुबारा विदेश मंत्री बने हैं । इससे पहले वे विदेश सचिव रह चुके हैं और उनके राजनयिक बेहतरीन कार्य के कारण उन्हें विदेश मंत्री बनाया गया है।
कजाकिस्तान में शंघाई सम्मेलन शामिल होने वाले देश।
कजाकिस्तान ने कहा है कि हम पाकिस्तान और भारत के बीच मतभेदों के कूटनीतिक समाधान का समर्थन करते हैं, बातचीत के बिना हम क्षेत्र को स्थिर नहीं कर सकते। पाकिस्तान में कजाकिस्तान के राजदूत यार्जन कुस्ताफिन ने कहा है कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों की भागीदारी अपेक्षित है और हमने दोनों पक्षों की ओर से शिखर सम्मेलन में भागीदारी की पुष्टि की है।
उन्होंने मीडिया को दिए गए एक साक्षात्कार में कहा कि भारत और पाकिस्तान मतभेदों के राजनयिक समाधान का समर्थन करते हैं और दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने में सहायता करने में खुशी होगी। क्योंकि बिना बातचीत के हम क्षेत्र को स्थिर नहीं कर सकते। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मेलन में शिरकत करने से मना करने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर के शिरकत करने का नंबर आया है।
इधर उन्होंने कहा कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्रियों की भागीदारी अपेक्षित है और दोनों पक्षों की ओर से शिखर सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का मुख्य विचार क्षेत्र में स्थिरता और स्थिति को सामान्य बनाना है, स्थिरता के बिना हम इसे अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बाजारों में सफल नहीं बना सकते। कज़ाख राजदूत ने कहा कि 2005 में, अस्ताना में शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और पाकिस्तान संगठन के पर्यवेक्षक बने थे। दोनों देश 2017 में अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन के पूर्ण सदस्य बने।
Updated on:
27 Jun 2024 01:04 pm
Published on:
27 Jun 2024 12:49 pm
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