
Hindu Sabha Mandir
भारत (India) और कनाडा (Canada) के संबंधों में काफी खटास पड़ चुकी है। पिछले साल कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep SIngh NIjjar) की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था, जिसे भारत ने बेबुनियाद बताया था। उसके बाद से दोनों देशों के संबंध खराब हो गए, जो समय के साथ बिगड़ते ही चले गए। कनाडा में ट्रूडो सरकार अप्रत्यक्ष रूप से खालिस्तानी आतंकियों (Khalistani Terrorists) का समर्थन करती है। ऐसे में ये खालिस्तानी आतंकी भी समय-समय पर भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगलते हैं। अब इन खलिस्तानियों ने कनाडा में एक शर्मनाक हरकत की है। इन आतंकियों ने एक हिंदू मंदिर (Hindu Temple) को निशाना बनाया।
हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानियों ने किया हमला
रविवार को कनाडा के ब्रैम्पटन में स्थित हिन्दू सभा मंदिर (Hindu Sabha Mandir) पर खालिस्तानी आतंकियों के एक समूह ने हमला कर दिया। हमले के दौरान मंदिर में मौजूद कई श्रद्धालुओं से इन आतंकियों की झड़प भी हुई। खालिस्तानी पीले झंडे लेकर मंदिर में घुसे और श्रद्धालुओं पर डंडों से हमला किया। इतना ही नहीं, इन आतंकियों ने हिंदू और भारत विरोधी नारे भी लगाए।
भारत ने की हमले की निंदा
कनाडा में भारतीय दूतावास की तरफ से इस हमले की निंदा की गई है। इस हमले के पीछे भारत विरोधी तत्वों की भूमिका बताई। साथ ही इस हमले को निराशाजनक भी बताया। कनाडा में भारतीय दूतावास की तरफ से इस पूरे मामले पर बयान जारी किया गया।
ट्रूडो ने जाहिर की प्रतिक्रिया
कनाडा में हिंदू सभा मंदिर पर हुए हमले पर कनाडाई पीएम ट्रूडो ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की और इस हमले को अस्वीकार्य बताया। ट्रूडो ने कहा कि कनाडा में रह रहे हर व्यक्ति को अपने धर्म का स्वतंत्र रूप से और सुरक्षित तरह से पालन करने का अधिकार है। ट्रूडो ने लोकल पील क्षेत्रीय पुलिस को मंदिर में मौजूद हिंदू समुदाय के लोगों की सुरक्षा और इस घटना की जांच के लिए त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए धन्यवाद दिया।
हालांकि सोशल मीडिया पर सामने आ रहे कई वीडियोज़ में लोकल पुलिस को हिंदू श्रद्धालुओं को रोकते और घसीटते दिखाया गया है, न कि खालिस्तानियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करते हुए।
नहीं लिया गया सख्त एक्शन
कनाडा में यह कोई पहला मौका नहीं है जब हिंदुओं के खिलाफ इस तरह की हिंसक घटना हुई है। कनाडा में कई नेताओं ने इस भी इस हमले की निंदा की और पहले भी करते आए हैं और साथ ही खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ सख्त एक्शन की भी मांग उठाते आए हैं। हालांकि ट्रूडो सरकार ने कभी भी इस तरह की हिंसक घटनाओं के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।
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Updated on:
04 Nov 2024 03:05 pm
Published on:
04 Nov 2024 11:59 am
