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समुद्र में फेंके गए द्वितीय विश्व युद्ध के हथियारों पर पनप रहा जीवन

वैज्ञानिकों ने खोज की है कि समुद्र में फेंके गए द्वितीय विश्व युद्ध के हथियारों पर जीवन पनप रहा है। क्या है पूरा मामला? आइए नज़र डालते हैं।

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भारत

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Tanay Mishra

Sep 27, 2025

Second world war weapons dumped in sea

Second world war weapons dumped in sea (representational Photo)

जर्मनी (Germany) के बाल्टिक सागर में समुद्र के नीचे पड़ी द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) की विरासत पर हैरान करने वाली जानकारी सामने आई हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि पुराने बमों और हथियारों की सतह पर बड़ी संख्या में समुद्री जीव रह रहे हैं। ये द्वितीय विश्व युद्ध के वही हथियार हैं जिन्हें दशकों पहले समुद्र में फेंक दिया गया था और जिनके जहरीले रसायन समुद्री जीवन के लिए खतरनाक माने जाते थे।

रिसर्च में क्या पता चला?

जर्मनी के सेनकेनबर्ग रिसर्च इंस्टीट्यूट के रिसर्च आंद्रेई वेदेनीन की टीम ने जब एक विशेष पनडुब्बी कैमरे से इन हथियारों की सतह की रिसर्च की तो बमों पर केकड़े, कीड़े, मछलियाँ, स्टारफिश जैसे जीवों का जाल बिछा मिला। यह संख्या आसपास के कीचड़ और रेत से ढकी समुद्र की सतह पर पाए जाने वाले जीवों से कहीं ज़्यादा थी।

हथियारों पर जीवन पनपने का कारण

वैज्ञानिकों का मानना है कि विनाश के हथियारों पर जीवन पनपने की एक बड़ी वजह बाल्टिक सागर की भौगोलिक स्थिति है। यहाँ समुद्र की तलहटी ज़्यादातर सपाट और रेतीली है। पहले मौजूद पत्थर और चट्टानें 19वीं और 20वीं सदी में निर्माण कार्य के लिए निकाल लिए गए। इस वजह से समुद्री जीवों के लिए कठोर सतहें लगभग गायब हो गई। ऐसे में जब उन्हें धातु और विस्फोटकों से ढकी कठोर सतह मिली, तो उन्होंने इन्हें अपना घर बना लिया।

जलक्षेत्रों में हैं 16 लाख टन हथियार

जर्मनी के जलक्षेत्रों में करीब 16 लाख टन पुराने हथियार अब भी पड़े हुए हैं। इनमें कई रासायनिक अवशेष और विस्फोटक जैसे टीएनटी मौजूद हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इन इलाकों में इंसानी गतिविधियाँ बेहद कम हो गई हैं। अनजाने में यह स्थिति समुद्री जीवों के लिए सुरक्षा कवच साबित हुआ। अब वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि क्या ये जीव केवल सतह पर बस गए हैं या प्रजनन भी कर रहे हैं। यह भी रिसर्च का विषय होगा कि उनके शरीर में कितनी मात्रा में प्रदूषण और रसायन प्रवेश कर रहा है।