
पेरिस का लूव्र संग्रहालय। (फोटो: ANI)
Louvre Museum Jewelry Theft Investigation:पेरिस के सरकारी अभियोजक ने हाल ही में बताया कि लूवर संग्रहालय में (Louvre Heist) हुई आभूषण चोरी के मामले (Jewelry Theft) में पांच नए संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारियां बुधवार रात पेरिस (Paris Heist) और उसके आसपास के क्षेत्रों में हुईं, जब पुलिस ने छापेमारी की। माना जा रहा है कि इन संदिग्धों में से एक, चार सदस्यीय चोरों के समूह का हिस्सा हो सकता है, जिन्हें सीसीटीवी कैमरे में चोरी करते हुए देखा गया था। पेरिस के अभियोजक लॉरे बेक्वाउ ने बताया कि इन संदिग्धों को पहले गिरफ्तार किए गए चोरों के बयान से नहीं, बल्कि अन्य सुरागों से गिरफ्तार किया गया है। इन संदिग्धों से उम्मीद है कि वे लूवर में हुई चोरी के बारे में अहम जानकारी दे सकते हैं। इस चोरी में एक चोरी की हुई कार और यांत्रिक लिफ्ट का इस्तेमाल किया गया था, जिससे चोर इमारत तक पहुंच पाए थे।
यह घटना 19 अक्टूबर को दिनदहाड़े हुई थी, जब चार चोरों ने लूवर संग्रहालय में घुसने के लिए यांत्रिक लिफ्ट का इस्तेमाल किया। वे सीन नदी के पास स्थित एक बालकनी से गैलरी तक पहुंचे और डिस्क कटर से आभूषणों से भरे डिस्प्ले केसों को तोड़कर कीमती रत्न चुरा लिए। चोर केवल चार मिनट तक अंदर रहे और फिर स्कूटरों पर सवार होकर भाग निकले। बाद में, पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिनकी उम्र 30 साल के आसपास थी और जो पहले से अपराधों में शामिल थे।
पुलिस ने गिरफ्तार संदिग्धों के पास से मोबाइल फोन और एन्क्रिप्टेड संदेशों की जानकारी प्राप्त की है, जिससे मामले की जांच में मदद मिल रही है। हालांकि अभी तक इस चोरी में किसी अंदरूनी व्यक्ति के शामिल होने का कोई सबूत नहीं मिला है, लेकिन जांच जारी है। बेक्वाउ ने बताया कि गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में से एक का डीएनए अपराध स्थल से जुड़ा हुआ पाया गया है।
इस चोरी ने लूवर संग्रहालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। संग्रहालय के निदेशक ने स्वीकार किया कि चोरी की घटना के दौरान एकमात्र सुरक्षा कैमरा अपोलो गैलरी की उस बालकनी पर था, जिससे चोर अंदर घुसे थे। इसके बाद से, लूवर ने अपनी सुरक्षा को और सख्त कर दिया है, और अब सबसे कीमती आभूषणों को बैंक ऑफ फ्रांस के सुरक्षित तहखाने में रखा गया है।
अब तक लूवर से चुराए गए रत्न बरामद नहीं किए जा सके हैं। हालांकि पुलिस ने कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, लेकिन आभूषणों का पता लगाने में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। जांचकर्ताओं का मानना है कि जल्द ही चोरी के सामान और चोरी में शामिल गिरोह के बारे में और जानकारी सामने आ सकती है।
बहरहाल लूवर संग्रहालय में हुई यह डकैती न केवल संग्रहालय की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में गंभीर सवाल उठा रही है, बल्कि यह भी दिखा रही है कि कैसे चोर इतने सटीक तरीके से काम करते हैं। जांच में गिरफ्तार संदिग्धों के बयान और अन्य सुरागों से उम्मीद की जा रही है कि चोरी गए रत्नों का पता जल्द ही चल सकता है और इस मामले से जुड़ी और जानकारी सामने आ सकती है।
Updated on:
30 Oct 2025 07:21 pm
Published on:
30 Oct 2025 06:52 pm
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