
PM Narendra Modi and Maldives President Mohamed Muizzu
Maldives: इंडिया गो, लक्षद्वीप मामले से भारत और मालदीव के बीच काफी दरार आ गई थी लेकिन मालदीव को टूरिज्म समेत कई क्षेत्रों में झटके लगने के बाद अब मालदीव ने भारत के साथ अपने रिश्तों (India Maldives Relations) को सुधारने की पहल की है। ऐसे में अब दोनों देशों के रिश्तों में जम रही बर्फ को समय रहते पिघला दिया गया है। सब कुछ ठीक ही चल रहा था कि 5 दिन पहले अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने भारत और मालदीव को लेकर एक रिपोर्ट छाप दी थी, जिसमें कहा गया था कि भारत की मोदी सरकार ने मालदीव ने मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) की सरकार का तख्तापलट कराने की कोशिश की थी। अमेरिका की इस रिपोर्ट पर भारत ने तुरंत अपनी प्रतिक्रिया दी थी और इसे झूठा करार दिया था तो वहीं अब मालदीव ने भी इस रिपोर्ट पर अपना रिएक्शन दिया है। मालदीव ने भी कहा है कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से झूठी है।
भारत के दौर पर आए मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील (Abdulla Khaleel) ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट पर मालदीव का रुख रखा। खलील से जब ये सवाल पूछा गया कि इस रिपोर्ट पर उनकी क्या राय है। तो खलील ने दो टूक कह दी कि “इसका जवाब बहुत छोटा है, ये पूरी तरह से झूठ है निराधार है, इसमें जरा भी सच्चाई नहीं है, इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिस पर बात की जाए, ये तो बहुत सिंपल है।”
इस इंटरव्यू में खलील ने साफ-साफ कहा कि मालदीव हिंद महासागर की स्थिरता के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा। इसके लिए मालदीव प्रतिबद्ध है। इसके लिए मालदीव हिंद महासागर के पार के देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। मालदीव भारतीय सुरक्षा को अपनी सुरक्षा भी मानता है।"
मालदीव की तरफ ये आए ये बयान दिखाते हैं कि मालदीव और भारत के बीच संबंध अब पटरी पर तो आ ही रहे हैं साथ ही एक-दूसरे के साथ सामरिक संबंधों को भी बढ़ा रहे हैं। ये भी गौर करने वाली बात ये है बीते साल 2024 में मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्ज़ू भारत की दो उच्च स्तरीय यात्रा कर चुके हैं।
अमेरिकी अखबार ने लगभग 5 दिन पहले एक रिपोर्ट पेश की थी जिसमें मालदीव के चुनाव में भारत के हस्तक्षेप का दावा किया गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि भारत सरकार ने मालदीव में इब्राहिम सोलिह को जिताने की कोशिश की। सिर्फ इतना ही इस रिपोर्ट में इस बात का दावा भी किया गया था कि भारत की खुफिया एजेंसी RAW ने मालदीव के विपक्षी पार्टी के नेताओं राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु को हटाने के लिए बात की थी। इस रिपोर्ट में भारत के कुछ अधिकारियों के नाम भी दिए गए हैं।
रिपोर्ट में लिखा था कि नवंबर 2023 में मालदीव में दो चरणों में वोटिंग के जरिए मोहम्मद मुइज्जु को राष्ट्रपति चुना गया था, जिसके बाद ही भारत और मालदीव के संबंधों में गिरावट आनी शुरू हो गई।
इस रिपोर्ट पर भारत ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि “अखबार ये दावे निराधार है। ये विश्वसनीयता से रहित है, अखबार और रिपोर्टर दोनों ही भारत से दुश्मनी दिखाते हैं।” भारत ने कहा कि “जो दो खबरें वॉशिंगटन पोस्ट में आईं एक मालदीव पर और दूसरी पाकिस्तान पर, आप उनकी गतिविधियों के पैटर्न को देखें। मैं उनकी विश्वससनीयता का फैसला आप पर छोड़ता हूं। उनके पास कोई भी विश्वसनीयता नहीं है।”
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Published on:
05 Jan 2025 09:34 am
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